
चीन ने कहा है कि वह पाकिस्तान में किसी तरह का कोई सैन्य अड्डा नहीं बनाने जा रहा है। न ही भविष्य में ही ऐसा करने की उसकी कोई योजना है। इससे पहले विदेशी मीडिया में यह खबरें आई थीं कि चीन पाकिस्तान के बलूचिस्तान में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण चाबहार बंदरगाह के पास जिवानी में सैन्य अड्डा बना सकता है। यह बंदरगाह- भारत, ईरान और अफगानिस्तान की ओर से संयुक्त रूप से विकसित की जा रही है। अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को लगाई गई फ्टकार के बाद विदेश मीडिया पर इस सबंध में रिपोर्ट्स प्रकाशित हुई थीं।
समुद्री मार्ग पर क्षमता बढ़ाने को कर सकता है ऐसा
विदेशी मीडिया रिपोर्टों में यह अश्ंका जताई जा रही थी कि पाकिस्तान जिवानी में चीन को सैन्य अड्डा बनाने की अनुमति दे सकता है। चीन की ओर से विकसित किया जा रहा ग्वादर बंदरगाह भी इसके पास ही है। कहा जा रहा था कि पड़ोसी देशों पर अपना दबदबा कायम करने और समुद्री मार्गों पर अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए पाकिस्तान से बातचीत कर रहा है। इसके तहत सैन्य अड्डे भी बनाए जा सकते हैं।
चीन ने यह कहा...
एक मीडिया रिपोर्ट में चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग के हवाले से कहा गया है कि- इस बात की उन्हें कोई जानकरी नहीं है। उधर चीनी मीडिया में यह अटकले लगाई जा रही है कि पाकिस्तान पर अमरीका के बढ़ते दबाव के कारण पाकिस्तान चीन के करीब आ सकता है। चीन पहले से ही पाकिस्तान में आर्थिक गलियारे के तहत कई परियोजनाएं चला रहा है। हाल ही में ग्वादर के लिए चीन ने बड़ी धनराशि भी दी है। जबकि चीनी नीति के जानकारों का कहना है कि जिवानी चीन के लिए जरूरी नहीं है। चूंकि फिलहाल चीन ग्वादर में अपनी परियोजनाओं पर काम कर रहा है।
Published on:
09 Jan 2018 06:30 pm
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