
बिश्केक। किर्गिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन ( SCO ) विदेश मंत्रियों की बैठक शुरू हो गई है। बैठक के उद्घाटन सत्र में बोलते हुए भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आतंकवाद की निंदा करते हुए श्रीलंका बम धमाकों पर दुख जताया। सुषमा स्वराज ने श्रीलंका के बम धमाकों पर परिषद का विशेष ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि अभी भारत पुलवामा के शहीदों के लिए रो रहा था कि पड़ोसी देश श्रीलंका में इतना बड़ा हादसा हो गया।
SCO विदेश मंत्रियों की बैठक में सुषमा स्वराज का संबोधन
शंघाई सहयोग संगठन ( Shanghai Cooperation Organisation) के विदेश मंत्रियों की बैठक में बोलते हुए सुषमा स्वराज ने कहा कि भारत आतंकवाद और इसे फंडिंग करने वाले देशों की निंदा करता है। विदेश मंत्री ने कहा कि क्षेत्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे, चाबहार पोर्ट, अश्गाबात समझौते और भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग में भागीदारी से भारत की क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के प्रति प्रतिबद्धता स्पष्ट है। विदेश मंत्री ने बताया कि भारत ने 2017 में काबुल, कंधार, नई दिल्ली और मुंबई के बीच एयर फ्रेट कॉरिडोर का भी संचालन किया है। उन्होंने अपने भाषण में कहा, "हम क्षेत्रीय कनेक्टिविटी की पहल का स्वागत करते हैं। लेकिन शर्त है कि ये सभी समावेशी, टिकाऊ और पारदर्शी होनी चाहिए। हम देशों के संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सिद्धांतों का सम्मान करते हैं।"
श्रीलंका हमले पर जताया दुख
सुषमा स्वराज ने किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में बोलते हुए कहा कि भारत का दिल श्रीलंका के भाइयों और बहनों के लिए धड़क रहा है, जिन्होंने हाल ही में आतंकवाद के भयानक त्रासदी को देखा है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा, " पुलवामा हमले के हमारे घाव अभी भरे भी नहीं थे कि पड़ोस से आई खबरों ने हमें इस खतरे से मजबूती से लड़ने के लिए और अधिक दृढ़ बना दिया है। भारत इस संकट की घड़ी में श्रीलंका के साथ बना रहेगा।"
आपसी सहयोग के लिए तत्पर है भारत
SCO मीटिंग मीटिंग में बोलते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि भारत कुछ क्षेत्रों में अपनी विशेषज्ञता को साझा करने के लिए तैयार है। ये क्षेत्र हैं- कृषि, चिकित्सा, सूचना प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, वित्त, तथा अक्षय ऊर्जा। विदेश मंत्री ने कहा कि हम क्षेत्रीय कनेक्टिविटी पहलों का स्वागत करते हैं, जो समावेशी, टिकाऊ, पारदर्शी हैं और संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता के सिद्धांतों का सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों के मुताबिक बहुपक्षवाद और पालन की दृढ़ता में विश्वास करता है। संयुक्त राष्ट्र और सुरक्षा परिषद के व्यापक सुधारों का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि इसे अधिक से अधिक प्रतिनिधि मूलक और प्रभावी बनाना अत्यावश्यक है। उन्होंने कहा कि एससीओ को वर्ष 2021-2022 और 2027-2028 के लिए यूएनएससी की गैर-स्थायी सदस्यता के लिए सदस्य देशों की उम्मीदवारी का समर्थन करना चाहिए।
जलवायु परिवर्तन पर भारत की चिंता
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन और जलवायु परिवर्तन के संयोजन पर पेरिस समझौते के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, "हम जलवायु परिवर्तन पर UN फ्रेमवर्क कन्वेंशन (UNFCCC) के COP 24 में हुए समझौते का स्वागत करते हैं। मुझे खुशी है कि 2019-2021 के लिए पर्यावरण संरक्षण के लिए एक एससीओ कार्य योजना को अंतिम रूप दिया गया है। हम इस क्षेत्र में गहरी रुचि के साथ अपनी भागीदारी जारी रखने के लिए तत्पर हैं।"
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Updated on:
23 May 2019 06:30 am
Published on:
22 May 2019 01:38 pm
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