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Afghanistan: तालिबान का नया फरमान, NGO में काम नही कर सकेंगी महिलाएं, पढ़ाई पर पहले ही लगा चुके हैं पहरा

Taliban stop women from working for aid organisations: अफगानिस्तान (Afghanistan) में महिलाओं की आजादी पर पहरे के नए कदम में तालिबान सरकार ने गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) की महिला कर्मचारियों को काम पर नहीं आने को कहा है। महिलाओं के अधिकारों और स्वतंत्रता पर यह ताजा हमला प्रशासन द्वारा विश्वविद्यालयों को महिलाओं के लिए बंद करने का आदेश दिए जाने के कुछ दिनों बाद आया है। अमेरिका सहित दुनियाभर के सहायता संगठनों ने इसकी निंदा की है।

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Taliban ban Afghan women from working at NGOs - as UN says its work will be affected

अफगानिस्तान में तालिबान अर्थव्यवस्था मंत्रालय के एक पत्र के अनुसार, अफगानिस्तान के तालिबान द्वारा संचालित प्रशासन ने सभी स्थानीय और विदेशी गैर-सरकारी संगठनों को महिला कर्मचारियों को काम पर आने से रोकने का आदेश दिया है। इसकी पुष्टि करते हुएअर्थव्यवस्था मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुलरहमान हबीब (Abdulrahman Habib)ने कहा कि एनजीओ की महिला कर्मचारियों को अगली सूचना तक काम करने की अनुमति नहीं है। कहा गया है कि महिलाओं के लिए इस्लामी ड्रेस कोड (Islamic dress code) का पालन नहीं करने के कारण यह कदम उठाया गया है।


संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियां होंगी प्रभावित!
काफी हद तक यह आदेश संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों (UN agencies)को कैसे प्रभावित करेगा, जिनकी अफगानिस्तान में बड़ी उपस्थिति है, जो देश के मानवीय संकट के बीच सेवाएं दे रही हैं, यह स्पष्ट नहीं है। यह भी स्पष्ट नहीं था कि नियम विदेशी महिलाओं पर भी लागू होता है या नहीं। हबीब ने कहा कि यह प्रतिबंध अफगानिस्तान के मानवीय संगठनों के समन्वयक निकाय के तहत संगठनों पर लागू होता है, जिसे ACBAR के रूप में जाना जाता है। हालांकि, ACBAR में संयुक्त राष्ट्र शामिल नहीं है, इसमें 180 से अधिक स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन शामिल हैं और संयुक्त राष्ट्र अक्सर अपने मानवीय कार्यों को करने के लिए अफगानिस्तान में पंजीकृत ऐसे समूहों को अनुबंधित करता है।

दुनियाभर में हुई इस फरमान की निंदा
दर्जनों संगठन अफगानिस्तान के दूरदराज के इलाकों में काम करते हैं और उनके कई कर्मचारी महिलाएं हैं, कई चेतावनियों के साथ महिला कर्मचारियों पर प्रतिबंध लगाने से उनके काम में बाधा आएगी। इंटरनेशनल रेस्क्यू कमेटी (International Rescue Committee)ने एक बयान में कहा कि अफगानिस्तान में 3,000 से अधिक महिला कर्मचारी देश में 'मानवीय सहायता के वितरण के लिए महत्वपूर्ण' थीं। खाद्य वितरण में शामिल एक अंतरराष्ट्रीय एनजीओ के एक अधिकारी ने कहा कि प्रतिबंध बड़ा झटका है। अधिकारी ने कहा, अफगान महिलाओं की मानवीय सहायता संबंधी चिंताओं को दूर करने के लिए हमारे पास महिला कर्मचारी हैं। अब हम उनकी चिंताओं का समाधान कैसे करें? अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (Antony Blinken) ने कहा कि महिलाएं दुनिया भर में मानवीय कार्यों में जरूरी है और यह प्रतिबंध अफगानों के लिए विनाशकारी होगा क्योंकि यह लाखों लोगों के लिए महत्वपूर्ण और जीवन रक्षक सहायता को बाधित करेगा।

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लड़कियों व महिलाओं की शिक्षा बंद
हाल में तालिबान ने लड़कियों व महिलाओं की विश्वविद्यालयी शिक्षा (University Education)पर पाबंदी लगा दी है। उच्च शिक्षा के अफगान मंत्री निदा मोहम्मद नदीम ने कहा कि यह विश्वविद्यालयों में पुरुषों और महिलाओं को मिलाने से रोकेगा और उनका मानना है कि पढ़ाए जा रहे कुछ विषयों ने धार्मिक सिद्धांतों का उल्लंघन किया है। हमने लड़कियों को उचित हिजाब पहनने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और उन्होंने ऐसे कपड़े पहने जैसे वे किसी शादी समारोह में जा रही हों। लड़कियां कृषि और इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही थीं, लेकिन यह अफगान संस्कृति से मेल नहीं खाता था। लड़कियों को सीखना चाहिए, लेकिन उन क्षेत्रों में नहीं जो धर्म और अफगान सम्मान के खिलाफ जाते हैं। तालिबान ने लड़कियों और प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों सहित सभी महिला कर्मचारियों पर भी प्रतिबंध लगा दिया है, जिसका अर्थ है कि अब देश में महिलाओं की शिक्षा पर पूर्ण प्रतिबंध है।

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