
नई दिल्ली।
अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज हुए तालिबान को दो महीने हो चुके हैं। इस बीच वहां लड़कियों और अल्पसंख्यकों के साथ बुरा बर्ताव देखने को मिला है। लड़कियों के स्कूल अब भी वहां बंद हैं। साथ ही, कामकाजी महिलाओं को आफिस जाने की इजाजत नहीं है।
ऐसे में संयुक्त राष्ट्र के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार तालिबान ने उन्हें बताया कि वे जल्द यह घोषणा करेंगे कि सभी अफगान लड़कियों को माध्यमिक स्कूलों में पढ़ने की इजाजत होगी या नहीं। पिछले सप्ताह काबुल की यात्रा पर गए संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) के उप कार्यकारी निदेशक उमर अब्दी ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में पत्रकारों को बताया कि अफगानिस्तान के 34 प्रांतों में से पांच प्रांतों - उत्तर पश्चिम में बाल्ख, जवज्जान और समांगन, उत्तर पूर्व में कुंदुज और दक्षिण पश्चिम में उरोज्गान में पहले ही माध्यमिक स्कूलों में लड़कियों को पढ़ने की इजाजत है।
उन्होंने कहा कि तालिबान के शिक्षा मंत्री ने उन्हें बताया कि वे सभी लड़कियों को छठी कक्षा से आगे अपनी स्कूली शिक्षा जारी रखने की अनुमति देने के लिए एक रूपरेखा पर काम कर रहे हैं, जिसे एक से दो महीने के बीच जारी किया जाएगा। अब्दी ने कहा, माध्यमिक विद्यालय जाने की उम्र वाली लाखों लड़कियां लगातार 27वें दिन शिक्षा से वंचित हैं।
अफगानिस्तान में तालिबान के 1996-2001 के शासन के दौरान उन्होंने लड़कियों और महिलाओं को शिक्षा के अधिकार से वंचित कर दिया था और उनके काम करने और सार्वजनिक जीवन पर रोक लगा दी थी। अब्दी ने कहा कि हर बैठक में उन्होंने तालिबान को लड़कियों की शिक्षा बहाल करने पर जोर दिया और इसे खुद लड़कियों और देश के हित में महत्वपूर्ण बताया। अपने काबुल दौरे में यूनिसेफ उप प्रमुख ने बच्चों के अस्पताल का भी दौरा किया, जहां कुपोषित बच्चों की तादाद देखकर वह काफी हैरत में पड़ गए जिनमें कुछ शिशु थे।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतेरेस ने दुनिया से अफगान अर्थव्यवस्था को ढहने से बचाने और अफगान लोगों की मदद करने का आग्रह किया है। अब्दी ने भी महासचिव की अपील को दोहराया और कहा कि अफगानिस्तान में हालात गंभीर हैं और यह बदतर ही होते जाएंगे। बता दें कि तालिबान ने 15 अगस्त को अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था।
Updated on:
16 Oct 2021 02:29 pm
Published on:
16 Oct 2021 01:59 pm
बड़ी खबरें
View Allएशिया
विदेश
ट्रेंडिंग
