
नई दिल्ली।
तालिबान ने नई सरकार का गठन कर लिया है। इस सरकार में आतंकियों की भरमार है। सरकार गठन के ऐलान के साथ ही चार पन्नों का एक घोषणा पत्र जारी किया गया है। यह लीडर ऑफ इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान अमीर उल मुमीनिन शेख उल हदीथ हिब्तुल्लाह अखुंदजादा के दस्तखत के साथ जारी किया गया है।
चार पन्ने के घोषणा पत्र में इस बात पर जोर दिय गया है कि सरकार में शामिल सभी लोग इस्लामिक नियमों और शरिया कानून के हिसाब से काम करेंगे। इस्लामिक नियमों और शरिया कानून के हिसाब से देश आगे बढ़ाया जाएगा। इस घोषणा पत्र में यह भी कहा गया है कि कार्यकारी सरकार जल्द ही अपनी जिम्मेदारियों को निभाना शुरू कर देगी। इसमें यह भी बताया गया हैै कि सरकार इस्लामिक नियम और शरिया कानून के हिसाब से चलेगी।
इसमें बताया गया है कि बीते दो दशक में समूह ने काफी संघर्ष किया और इस दौरान दो लक्ष्य निर्धारित थे। पहला, विदेशी सेना से देश को आजाद कराना। दूसरा, देश में पूर्ण आजाद, स्थिर और इस्लामिक व्यवस्था वाली सरकार स्थापित करना। इसमें बताया गया है कि नई सरकार एक आत्मनिर्भर अफगानिस्तान बनाने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ेगी। इसके अलावा अपने पड़ोसी देशों और अन्य देशों के साथ सम्मानजनक संबंध स्थापित करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे।
घोषणा पत्र में इस बात का जिक्र भी है कि नई तालिबानी सरकार उन सभी अंतरराष्ट्रीय नियमों और कानूनों को मानेगी, जो इस्लामिक नियमों और देश के मूल्यों के खिलाफ नहीं हों। इसके अलावा, इस्लामिक नियमों के तहत अल्पसंख्यकों और कमजोर तबकों के हितों की रक्षा की जाएगी। नई सरकार सभी नागरिकों को समान दर्जा, इस्लामिक अमीरात सबके इस्लामिक अधिकारों की रक्षा करेगी।
इसमें यह भी बताया गया है कि शरिया ढांचे के तहत धार्मिक और आधुनिक विज्ञान की शिक्षा भी छात्रों को दी जाएगी। आर्थिक तरक्की के लिए सभी संसाधनों के इस्तेमाल की इजाजत होगी। साथ ही, घरेलू राजस्व का बेहतर इस्तेमाल हो, इसकी कोशिश रहेगी। विदेशी निवेश के अवसर बढ़ाएंगे। बेरोजगारी खत्म करने की दिशा में अधिक से अधिक काम होगा और गरीबी खत्म करने और राष्ट्रीय संपत्तियों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
नई सरकार ने अपने घोषणा पत्र में इस बात का जिक्र भी किया है कि उनके शासन में मीडिया की स्वतंत्रता और गुणवत्ता में सुधार, इस्लाम और राष्ट्रीय हित में भूमिका सुनिश्चित की जाएगी। सभी पड़ोसी देशों को भरोसा दिलाया जाएगा कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी भी देश की सुरक्षा के खिलाफ नहीं होगा। साथ ही, उन देशों से भी यही उम्मीद की जाएगी कि वे अपनी जमीन का इस्तेमाल हमारे दुश्मनों को नहीं करने देंगे।
नई सरकार के घोषणा पत्र के मुताबिक, सभी विदेशी राजनयिकों, दूतावासों, कांसुलेट्स, मानवीय सहायता समूहों और निवेशकों की सुरक्षा का भरोसा जीतने की कोशिश की जाएगी। उन सभी का यहां अफगानिस्तान में रहना जरूरी है। नई सरकार ने यह भी भरोसा दिलाया कि वह किसी से दुश्मनी नहीं करना चाहती। अफगानिस्तान सभी के लिए एक घर की तरह होगा। किसी को भी भविष्य के लिए चिंतित होने की जरूरत नहीं है। इसके अलावा आम नागरिकों से इस्लामिक अमरीरात को समर्थन जारी रखने की उम्मीद भी जताई है, जिससे नए अफगानिस्तान में इस्लामिक व्यवस्थाओं के तहत इसका पुनर्निमाण किया जा सके।
अफगानिस्तान में नई सरकार ने यह भी भरोसा दिलाया कि सभी प्रतिभाशाली पेशेवर लोगों, विद्वानों, प्रोफेसरों, डॉक्टरों, वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और शिक्षित वर्ग के लिए अलावा व्यापारियों-उद्योगपतियों तथा निवेशकों को पूरी तवज्जो दी जाएगी। नई सरकार ने अपील की कि लोग देश छोडऩे की कोशिश नहीं करें। इस्लामिक अमीरात किसी को भी नुकसान नहीं पहुंचाएगा।
Published on:
08 Sept 2021 11:52 am
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