
Lord Shiva
नई दिल्ली। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, भोलेनाथ की आराधना का दिन सोमवार को माना गया है। बहुत से भक्त सोमवार का व्रत भी रखते है। देवों के देव महादेव भी भगवान शिव को कहते हैं। मान्यताओं के अनुसार,शिवजी अपने भक्तों से बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं। शिवजी अपने भक्तों की हर मनोकामना को पूर्ण करते हैैं। शिव भक्त शिव जी को मनाने के लिए तरह-तरह की चीजें शिव जी को भेंट कर रहे हैं। लेकिन ध्यान रहे शिवजी को कुछ चीजें नहीं चढ़ानी चाहिए। वरना बरदान की जगह श्राम मिलेगा। आइए जानते है कि वो कौन कौनसी चीजें है...
शंख जल
भगवान शिव ने शंखचूड़ नाम के असुर का वध किया था। शंख को उसी असुर का प्रतीक माना जाता है जो भगवान विष्णु का भक्त था। इसलिए विष्णु भगवान की पूजा शंख से होती है। लेकिन ध्यान रहे शिवजी को शंख से जल नहीं चढ़ांए।
कुमकुम और हल्दी
कुमकुम सौभाग्य का प्रतीक है जबकि भगवान शिव वैरागी हैं इसलिए शिव जी को कुमकुम नहीं चढ़ता। वहीं, हल्दी का संबंध भगवान विष्णु और सौभाग्य से है इसलिए यह भगवान शिव को नहीं चढ़ता है।
तुलसी पत्ता
ऐसी मान्यता है कि जलंधर नामक असुर की पत्नी वृंदा के अंश से तुलसी का जन्म हुआ था जिसे भगवान विष्णु ने पत्नी रूप में स्वीकार किया है। इसलिए तुलसी से शिव जी की पूजा नहीं होती।
तिल
मान्यता है कि तिल भगवान विष्णु के मैल से उत्पन्न हुआ मान जाता है। इसलिए इसे भगवान शिव को नहीं अर्पित किया जाना चाहिए।
नारियल पानी
ऐसी मान्यता है कि नारियल देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है जिनका संबंध भगवान विष्णु से है इसलिए शिव जी को नहीं चढ़ता।
शिवजी को अतिप्रिय है ये पुष्प
भगवान शिव को अपामार्ग विशेष प्रिय है। जो पत्र पुष्प शिव को चढ़ते हैं वे सभी भगवती गौरी को चढ़ाए जाते हैं। कास, मंदार, अपराजिता,शमी, कुब्जक, शंखपुष्पी, चिचिड़ा, कमल, चमेली, नागचंपा, चंपा, खस, तगर, नागकेसर, पीले फूल वाली कटसरैया, गूमा, शीशम, गूलर, जयंती, बेला, पलाश, बेलपत्ता, केसर, नीलकमल, लाल कमल के अलावा जल एवं स्थल में पैदा होने वाले सभी सुगंधित फूल भगवान शिव को पसंद हैं।
भूल से भी ना चढ़ाए ये पुष्प
भगवान शिव को सारहीन फूल या कठूमर, केवड़ा, शिरीष, ङ्क्षततड़ी, कोष्ठ, कैथ, गाजर , बहेड़ा, कपास, गंभारी, पत्रकंटक, सेमल, अनार, धव, केतकी, कुंद, जूही,मदंती आदि के फूल नहीं चढ़ाने चाहिए।
Published on:
01 Mar 2021 07:59 am
बड़ी खबरें
View Allट्रेंडिंग
