
Guru Ast 2023: Guru ke ast hone se in rashiyon ko rehna hoga alert: जल्द ही देव गुरु मीन राशि में ही अस्त होने जा रहे हैं। वे अगले एक महीने तक अस्त ही रहने वाले हैं। किसी भी ग्रह के चाल बदलने, राशि बदलने से लेकर उनके अस्त या उदय होने से राशि चक्र की सभी 12 राशियां शुभ या अशुभ रूप से प्रभावित होती हैं। भोपाल के ज्योतिषाचार्य पं. जगदीश शर्मा पत्रिका.कॉम के इस लेख में आपको बता रहे हैं कब अस्त हो रहे हैं देव गुरु बृहस्पति तथा देव गुरु के अस्त होने से कौन सी राशियों को मिलेगा भाग्य का साथ और किन राशियों की बढ़ेंगी मुश्किलें...
मेष
इस राशि के लोगों के लिए गुरु नवम और द्वादश भाव के स्वामी होकर द्वादश भाव में ही अस्त होंगे। इस भाव में अस्त होने के कारण इस राशि के लोगों को इस अवधि में पिता के सुख में कुछ कमी महसूस हो सकती है। इस अवधि में आपको व्यर्थ की यात्राओं पर भी जाना पड़ सकता है। इस समय आपका भाग्य आपका कम साथ देगा। कार्य स्थल पर आपको अधिक मेहनत करनी पड़ सकती है। इस समय आपको अपने प्रयासों का उम्मीद के मुताबिक उचित परिणाम नहीं मिल पाएगा। इसके साथ ही इस अवधि में आपको सेहत का भी ध्यान रखना होगा।
वृष
इस राशि में गुरु आठवें और एकादश भाव के स्वामी होते हैं और अब वो आपके एकादश भाव में ही अस्त होंगे। इस भाव में गुरु के अस्त होने से आपको अच्छे और बुरे दोनों परिणाम मिल सकते हैं। यानी यह अवधि आपके लिए मिले-जुले परिणाम देने वाली साबित होंगे। आपको सेहत में सुधार दिखाई देगा। लेकिन आर्थिक समस्या परेशान कर सकती है। इस अवधि में खर्च कुछ कम करें, तो बेहतर रहेगा। इस अवधि में आपको अपने मित्रों और भाइयों से उचित मदद नहीं मिल पाएगी।
मिथुन
इस राशि के लिए गुरु सप्तम और दशम भाव के स्वामी होकर दशम भाव में ही अस्त होंगे। इस भाव में गुरु के अस्त होने से इस राशि के लोगों की उन्नति रुक सकती है। इस अवधि में आपको अपने कार्यस्थल पर और अधिक मेहनत करने की जरूरत महसूस होगी। इस समय आपके शत्रु आपके खिलाफ सक्रिय होकर साजिश करने की कोशिश करेंगे। इस अवधि में आपको अपने दोस्तों पर भी विश्वास नहीं करना चाहिए। इस दौरान आपको वैवाहिक जीवन में भी कुछ परेशानियां झेलनी पड़ सकती है।
कर्क
इस राशि के लिए गुरु छठे और नवम भाव के स्वामी होते हैं और अब वो आपके नवम भाव में ही अस्त होंगे। इस समय आपके दुश्मनों का राज खुलेगा। अगर आप किसी नई नौकरी की तलाश में हैं, तो आपकी तलाश खत्म होगी। इस समय आपका भाग्य आपको परेशान कर सकता है। इस अवधि में आपको पिता का सहयोग नहीं मिलेगा, जिससे आप दुखी हो सकते हैं। इस अवधि में आपको क्रोध पर नियंत्रण रखना चाहिए।
सिंह
इस राशि के लोगों के लिए गुरु पंचम और अष्टम भाव के स्वामी होते हैं। इस समय गुरु आपके अष्टम भाव में अस्त होंगे। इस भाव में बृहस्पतिके अस्त होने से आपकी धार्मिक दिनचर्या प्रभावित होगी। परिवार में कलह बढ़ सकती है। आपको इस अवधि में आलस त्यागना चाहिए। इस अवधि में ससुराल पक्ष से किसी भी प्रकार का कोई लेनदेन न करें। प्रेम-प्रसंग में असफलता से मन परेशान रहेगा। स्टूडेंट हैं तो परेशानी महसूस कर सकते हैं।
कन्या
इस राशि के लोगों के लिए गुरु चौथे और सप्तम भाव के स्वामी होकर सप्तम भाव में ही अस्त होंगे। इस भाव में गुरु के अस्त होने से परिवार में कलह और मानसिक तनाव संभव है। इस समय आप अपनी मां के स्वास्थ्य को लेकर परेशान हो सकते हैं। इस अवधि में कार्यस्थल पर अपनी छवि को लेकर सतर्क रहें। इस अवधि में आपको नया लक्ष्य, नए अधिकार मिल सकते हैं।
तुला
इस राशि के लोगों के लिए गुरु तीसरे और छठे भाव के स्वामी होते हैं। इस समय गुरु आपके छठे भाव में ही अस्त होंगे। इस गोचर के दौरान आप अपने शत्रुओं का नाश करने में सफल होंगे। ब्याज और शेयर मार्केट का काम करने वाले लोगों को लाभ होगा। हालांकि आपको अपने भाई बहनों के साथ किसी भी प्रकार का विवाद नहीं करना चाहिए। जब आप यात्रा पर जाएं तो, अपने सामान की देखरेख अच्छे से करें, इस अवधि में आपका सामान खोने के योग बन रहे हैं।
वृश्चिक
इस राशि के लोगों के लिए गुरु दूसरे और पंचम भाव के स्वामी होते हैं। इस समय गुरु आपके पंचम भाव में ही अस्त होंगे। इस दौरान आपको प्रेम प्रसंग में सावधानी रखनी चाहिए। इस अवधि में आप पर कोई आरोप भी लग सकता है। संतान पक्ष को लेकर चिंता बढ़ेगी। परिवार के लोगों का सहयोग नहीं मिलने से आपका क्रोध बढ़ सकता है। इस अवधि में अपनी वाणी पर भी नियंत्रण रखें। किसी भी प्रकार के निवेश करने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
धनु
इस राशि के लोगों के लिए गुरु लग्न और चौथे भाव के स्वामी होते हैं। इस समय देव गुरु आपके चौथे ही भाव में अस्त होंगे। इस दौरान आपको थोड़ी पारिवारिक समस्या रहेंगी। इस समय आपको अपने परिवार के किसी सदस्य की सेहत पर धन खर्च करना पड़ सकता है। इस अवधि में आपको थकान महसूस होगी। आपके शत्रु सक्रिय रहेंगे, जिससे आपकी सामाजिक प्रतिष्ठा पर चोट पहुंच सकती है। इस समय आपको यह सलाह दी जाती है कि अपने मन की बात किसी से न कहें।
मकर
इस राशि के लोगों के लिए गुरु तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी होते हैं। इस समय गुरु देव आपके तीसरे भाव में अस्त होंगे। इस गोचर की अवधि में आपके अंदर साहस की कमी देखी जा सकती है। इस दौरान आपकी कुछ व्यर्थ यात्राएं होंगी। इस अवधि में आप अपने भाइयों से किसी भी प्रकार का कोई आर्थिक लेन-देन न करें। इस समय विदेश में काम कर रहे लोगों को कुछ परेशानी हो सकती है।
कुंभ
इस राशि के लोगों के लिए गुरु दूसरे और एकादश भाव के स्वामी होते हैं। इस समय गुरु आपके दूसरे भाव यानी वाणी एवं कुटुंब भाव में अस्त होंगे। इस भाव में गुरु के अस्त होने से आपकी वाणी में थोड़ी कठोरता आ सकती है। इस अवधि में आप किसी भी प्रकार के बड़े खर्च न करें। इस समय आपको वाहन भी सावधानी से चलाना चाहिए। परिवार में किसी मांगलिक कार्य का आयोजन हो सकता है। विवाहित लोग अपने परिवार को लेकर बाहर घूमने जा सकते हैं।
मीन
इस राशि के लोगों के लिए गुरु लग्न और दशम भाव के स्वामी होते हैं। इस समय गुरु आपके लग्न में ही अस्त होने जा रहे हैं। इस दौरान लग्नेश का लग्न में ही अस्त होने से स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहना पड़ सकता है। किडनी और लीवर के जो मरीज हैं, तो नियमित रूप से चैकअप करवाने की जरूरत है। इस अवधि में कार्य स्थल पर आपको कईसमस्याएं परेशान कर सकती हैं। किसी सहकर्मी के साथ चल रहा विवाद बड़े विवाद में बदल सकता है। इस अवधि में आपको क्रोध पर नियंत्रण रखना चाहिए।
Published on:
25 Mar 2023 05:57 pm
बड़ी खबरें
View Allधर्म/ज्योतिष
ट्रेंडिंग
