
Know Which planets denote which diseases astrology: आजकल बिगड़ती डेली लाइफ स्टाइल के कारण बुजुर्ग ही नहीं, बल्कि बच्चे और युवा भी किसी न किसी बीमारी का शिकार हो रहे हैं। वहीं ज्योतिष शास्त्र में इन बीमारियों का संबंध किसी न किसी ग्रह से बताया गया है। ये ग्रह यदि अशुभ हों या कमजोर हों, तो शरीर को कोई न कोई बीमारी दे ही देते हैं। आपके शरीर के अनुसार डॉक्टर, वैद्य या हकीम आपको इलाज बता देते हैं, लेकिन ज्योतिष में भी आपको आपकी बीमारी का सटीक इलाज मिल सकता है। यही नहीं यदि आप ज्योतिष में यकीन रखते हैं, तो आपको बता दें कि यह आपको बीमार होने से पहले ही अलर्ट कर सकता है और कुछ ज्योतिष उपाय करके आप कई गंभीर बीमारियों की चपेट में आने से बच सकते हैं। पत्रिका.कॉम के इस लेख में जानें नव ग्रहों में कौन सा ग्रह देता है कौन सा रोग...
जानें कौन से ग्रह से होता है कौन सा रोग
1. सूर्य ग्रहों का राजा है। यदि यह कुंडली में मजबूत होगा, तो आपको छोटी-मोटी समस्याएं हो सकती हैं। जिन्हें आप नजरअंदाज कर सकते हैं। लेकिन यदि सूर्य कमजोर है, तो सबसे पहले आपके बाल झड़ेंगे। आपको सिर दर्द होना शुरू हो जाएगा। वहीं आपको सिर दर्द के लिए दवाएं तक लेनी पड़ेंगी।
2. कुंडली में चंद्रमा कमजोर या अशुभ होता है, तो आप मन से कमजोर होते हैं। बेहद भावुक होते हैं। कठोरता से आप तुरंत प्रभावित हो जाएंगे और आप में सहनशक्ति भी कम होगी। इसके अलावा आपको सर्दी, जुकाम और खांसी, कफ जैसी परेशानियां रहती हैं। चन्द्र के कारण नर्व फाइबर्स भी प्रभावित होता है।
3. जिन लोगों का मंगल ग्रह कमजोर होता है, उन्हें रक्त की बीमारियां होती हैं। उनमें ऊर्जा की कमी रहती है। वह सुस्त बने रहते हैं। किसी भी काम में उन्हें एनर्जी महसूस नहीं होती। वहीं अशुभ मंगल के कारण हमेशा चोट लगने और दुर्घटना का डर सताता रहता है।
4. कुंडली में बुध कमजोर हो, तो व्यक्ति को अस्थमा, स्किन से जुड़ी बीमारियां होती हैं। यह व्यक्ति को चालाक और धूर्त बनाता है।
- यदि ये लाग चालाक न हों, तो दूसरे लोग हर दिन इनका लाभ उठाएंगे।
- जो भोले भाले लोग होते हैं, उनका बुध अवश्य ही कमजोर होता है और खराब बुध से व्यक्तिको स्किन प्रॉब्लम्स ज्यादा होती हैं।
- सांस की बीमारियां बुध के दूषित होने से होती हैं। - बहुत खराब बुध से व्यक्ति के लंग्स खराब हो सकते हैं।
- बुध खराब हो तो, व्यक्ति गूंगा-बहरा तक हो सकता है।
5. कुंडली में गुरु कमजोर है तो सोचने-समझने की शक्ति प्रभावित होती है।
- इससे पीलिया, पेट के अन्य रोग होते हैं। यह मोटापा बढ़ाता है।
- कुंडली में यदि बृहस्पति कमजोर हो, तो यह मोटापा देता है। वहीं शुभ हो तो बुद्धिमान बनाता हैै। लेकिन यदि एजुकेटेड लोग यदि मूर्खों जैसा व्यवहार करें, तो यह बताता है कि व्यक्ति की कुंडली में गुरु कमजोर है या खराब है। वहीं गुरु कमजोर हो, तो पीलिया, पेट के अन्य रोग होते हैं। गुरु यदि दुष्ट ग्रहों से प्रभावित होकर लग्न पर असर डालता है, तो व्यक्ति मोटापे का शिकार होता है।
6. कुंडली में यदि शुक्र कमजोर होता है, तो यह व्यक्ति के जीवन से मनोरंजन को खत्म कर देता है। इस ग्रह को स्त्री, यौन सुख के साथ ही हर प्रकार के सुख और सुंदरता का प्रतीक माना जाता है। वहीं कमजोर शुक्र पर यदि मंगल की नजर पड़ रही हो, तो व्यक्ति को मधुमेह यानी डायबीटिज रोग हो जाता है। इनका वैवाहिक जीवन भी सुखमय नहीं रहता। साथ ही शुक्र के अशुभ होने से आपका शरीर बेडोल हो जाता है। या तो बहुत अधिक पतला शरीर या ठिगना कद शुक्र की कमजोरी की ही निशानी है।
7. कुंडली में जिनका शनि कमजोर हो, तो उनका जीवन दुखों और कष्टों से भरा रहता है। चाहे जो शारीरिक पीड़ा या दर्द हो उसका कष्ट शनि से ही मिलता है। वहीं शनि जब दूसरे ग्रहों पर प्रभाव डालता है, तो उसी ग्रह से जुड़े रोग देता है। शनि की नजर यदि सूर्य पर हो, तो आपको सिर दर्द हमेशा बना रहेगा। वह कभी भी आपका पीछा नहीं छोड़ेगा। चंद्रमा पर हो, तो जुखाम होगा। मंगल पर हो तो खून की कमी, ब्लड प्रेशर, बुध पर हो तो नपुंसकता, गुरु पर हो, तो मोटापा, शुक्र पर हो, तो प्रजनन क्षमता कमजोर होगी। राहु पर हो तो हाई और लो ब्लड प्रेशर होगा। केतु पर शनि का प्रभाव हो तो यह गंभीर रोग देता है, लेकिन उम्र भर रोग का पता नहीं चल पाता। दवाएं भी असर नहीं करतीं। और अधिक कठिन परिस्थिति में यदि कोई लाइलाज बीमारी है, तो वह शनि के कारण ही होती है।
8. कुंडली में यदि राहु कमजोर या अशुभ हो तो रहस्यमयी बीमारियां देता है। बीपी यानी ब्लड प्रेशर की बीमारी देता है। दवाइयों से एलर्जी, दिल का दौरा पडऩा, स्ट्रोक या ब्लॉकेज राहु के कारण होता है। राहु के कमजोर होने के कारण व्यक्ति का हमेशा इलाज चलता है। डॉक्टर के पास आना-जाना बना रहता है।
9. कुंडली में यदि केतु कमजोर हो तो, व्यक्ति को भूत-प्रेत बाधा जैसी परेशानियां होती हैं। किसी भी बीमारी का पता ही नहीं चलता। केतु खराब हो तो फोड़े फुंसियां देता है। इसके कारण घाव न भरने की परेशानी भी होती हैं। दरअसल केतु मनोविज्ञान से जुड़ा हुआ है।
Updated on:
22 May 2023 06:10 pm
Published on:
22 May 2023 06:09 pm
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