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Lunar Eclipse 2023: भारत में चंद्र ग्रहण दिखेगा या नहीं, विज्ञान प्रसारकों और ज्योतिषियों की अलग-अलग है राय

Lunar Eclipse 2023: different opinion of astrologers and scientists: आपको बता दें कि आज उपच्छाया चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। इसे लेकर जहां ज्योतिषियों और विज्ञान से जुड़े लोगों के बीच मतभेद बना हुआ है। ज्योतिष एक्सपर्ट का मानना है कि यह इस बार वैशाख पूर्णिमा पर आज लगने वाला उपच्छाया चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, जबकि विज्ञान से जुड़े लोगों को कहना है कि यह उपच्छाया चंद्र ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा।

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Sanjana Kumar

May 04, 2023

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Lunar Eclipse 2023: different opinion of astrologers and scientists: आज शुक्रवार 5 मई को साल का पहला चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। पिछले दो साल से यह संयोग ही बना हुआ है कि वैशाख पूर्णिमा पर ही चंद्र ग्रहण की स्थिति बन रही है। इससे पहले 2021 में 26 मई को वैशाख पूर्णिमा के दिन खग्रास चंद्र ग्रहण लगा था। वहीं दूसरी बार 2022 में साल का पहला चंद्र ग्रहण 16 मई को वैशाख पूर्णिमा के दिन ही लगा था। आपको बता दें कि इस बार उपच्छाया चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। इसे लेकर जहां ज्योतिषियों और विज्ञान से जुड़े लोगों के बीच मतभेद बना हुआ है। ज्योतिष एक्सपर्ट का मानना है कि आज लगने वाला उपच्छाया चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, जबकि विज्ञान से जुड़े लोगों को कहना है कि यह उपच्छाया चंद्र ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा।

जानें क्या कहता है चंद्र ग्रहण पर विज्ञान का पहलू

भोपाल की नेशनल अवॉर्ड विनर रहीं विज्ञान प्रसारक सारिका घारू का कहना है कि चंद्र ग्रहण जितना भारत में दिखाई देगा, उतना ही एशिया के बाकी देशों में भी दिखाई देगा। उन्होंने आज लगने वाले उपच्छाया चंद्र ग्रहण को लेकर मीडिया पर चल रही जानकारी को गलत बताते हुए उनके बारे में विस्तार से चर्चा की। उनका कहना है कि ग्रहण की धार्मिक और वैज्ञानिक सूचनाओं को अलग-अलग समझने की जरूरत है।

चंद्र ग्रहण पर ऐसा दिखेगा चांद
सारिका घारू ने कहा आज चंद्रमा उपच्छाया ग्रहण के साये में होगा। जिससे चांद की चांदनी कुछ फीकी सी होगी। चंद्र ग्रहण रात 8 बजकर 44 मिनट से शुरू हो जाएगा और रात में 1 बजकर 1 मिनिट पर समाप्त होगा। उनका कहना है कि पूर्ण चंद्रग्रहण के अलावा चंद्रमा के बाकी ग्रहण को आसानी से महसूस नहीं किया जा सकता। दरअसल इसकी चमक में मामूली सी ही कमी आती है। इसी तरह उपच्छाया चंद्र ग्रहण में भी चंद्रमा की चमक में मामूली सी ही कमी आएगी, जो आसानी से समझ में नहीं आएगी। इसका अर्थ यह नहीं है कि उपच्छाया ग्रहण होता ही नहीं है। धार्मिक मान्यताओं की वैज्ञानिक तथ्यों से तुलना नहीं की जाना चाहिए। सोशल मीडिया एवं कुछ अन्य माध्यमों में बताया जा रहा है कि भारत में उपच्छाया ग्रहण नहीं दिखेगा, यह वैज्ञानिक रूप से सही नहीं है। आज का उपच्छाया ग्रहण जितना भारत में होगा, उतना ही एशिया के अन्य देशों में होगा।

किसी यंत्र या व्यूअर की नहीं है जरूरत
इस उपच्छाया चंद्र ग्रहण को देखने के लिए किसी यंत्र या व्यूअर की जरूरत नहीं होगी। 20 अप्रैल को घटित हाइब्रिड सूर्यग्रहण के 15 दिन के बाद यह चंद्रग्रहण की घटना हो रही है । अगला चंद्रग्रहण 28 अक्?टूबर 2023 को होगा। इस आंशिक चंद्रग्रहण को भी भारत में देखा जा सकेगा ।

तीन प्रकार के होते हैं चंद्र ग्रहण
चंद्रग्रहण तीन प्रकार के होते हैं। जब चंद्रमा का पूरा भाग पृथ्वी की घनी छाया में आता है तो, यह पूर्ण चंद्रग्रहण कहलाता है। जब चंद्रमा का कुछ हिस्सा ही घनी छाया में और कुछ भाग उपछाया में होता है तो आंशिक चंद्रग्रहण कहलाता है। वहीं जब चंद्रमा का पूरा भाग उपछाया में होता है तो, यह उपच्छाया ग्रहण कहलाता है।

ज्योतिष की नजर में चंद्र ग्रहण
वैज्ञानिक पहलू से इतर ज्योतिष एक्सपर्ट्स का कहना है कि चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। भोपाल के एस्ट्रोलॉजर पं. अरविंद तिवारी का कहना है कि यह साल का पहला चंद्र ग्रहण है। वहीं यह उपच्छाया चंद्र ग्रहण है। यह भारत में दिखाई नहीं देगा। इसीलिए यहां सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। हालांकि उनका कहना था कि चंद्र ग्रहण का असर छह माह तक रहता है। इस असर के बीच मंगल ग्रह का गोचर हो रहा है। मंगल 10 मई को कर्क राशि में प्रवेश करेंगे। ऐसे में चंद्र ग्रहण और मंगल का कर्क राशि में गोचर भारत के उत्तरी राज्यों में भूकंप के योग बना रहे हैं। वहीं 30 मई को कर्क राशि में ही शुक्र भी गोचर करेंगे। ऐसे में मंगल और शुक्र की युति प्राकृतिक आपदाओं को बढ़ाने वाली रहेगी। आपको बता दें कि ज्योतिष में चंद्र ग्रहण को एक अशुभ घटना माना जाता है। वहीं पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जब पापी ग्रह राहु चंद्रमा को ग्रसता है, तो चंद्र ग्रहण लगता है।

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