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भगवान शंकर के शिष्य शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है, जो दंड के विधान के तहत कार्य करते हैं। यानि कर्मों के मुताबिक शनि देव फल देते हैं। जो बुरे कर्म करता है, शनि देव उसे दंडित करते हैं। अच्छे कर्म करने वालों पर उनकी शुभ दृष्टि रहती है। सवाल यह कि शनि दोष क्या है? बहुत से लोग इस बारे में नहीं जानते। कई तरह के दोष ज्योतिष शास्त्र में बताए गए हैं। इनमें से एक है शनि दोष। ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव को क्रूर ग्रह माना जाता है। जिसकी कुंडली में शनिदोष होता है, उसे कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
क्या है शनि दोष?
शनि धीमी गति से चलने वाला ग्रह है। शनि दोष दरअसल कुंडली में शनि की उस अवस्था को कहते हैं, जिसमें वह कष्टदायक हों। इसके कई रूप हो सकते हैं। शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती भी शनि दोष ही मानी जाती है। दरअसल किसी राशि में शनि देव का न्यायकर्ता के रूप में स्थान लेना शनि दोष उत्पन्न करता है।
शनि का क्रोधित होना और ग्रह से दंडनायक देवता बनना भी शनि दोष कहलाता है। किसी की कुंडली में शनि अशुभ स्थान पर बैठे हों, तो भी शनि दोष उत्पन्न होता है। कुंडली के 3, 7 या 10वें घर में शनि विराजमान हों, तो शनि दोष के कारण जीवन में कई समस्याएं आने लगती हैं। शनि ग्रह की तीन दृष्टि होती हैं, जिनमें तीसरी, सातवीं और दसवीं दृष्टि जहां पर भी जाती है, उस जातक को परेशानी होने लगती है।
शनि दोष का उपाय
शनि दोष के कई उपाय हैं। हर मंगलवार और शनिवार को मंदिर में हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। हर शनिवार को शिवलिंग पर तिल और जल के साथ गाय का दूध अर्पण करना चाहिए। शनि की कृपा बनी रहे, इसके लिए सरसों के तेल में अपनी छाया देखकर उसका दान करें।
क्या हैं संकेत
पंडित नीलेश शास्त्री, ज्योतिषाचार्य के अनुसार काम में अड़चनें आना, कर्ज का बोझ होना, घर में आग लगना, मकान बिकना या उसका कोई हिस्सा गिरना आदि शनि दोष के संकेत हैं। शनि दोष होने पर समय से पहले ही व्यक्ति के बाल झडऩे लगते हैं। आंख खराब होने लगती है, कान में दर्द रहता है और पैर में दर्द होने लगता है। शनि दोष होते ही व्यक्ति के जीवन में अचानक काम का बोझ बढ़ जाता है।
Published on:
29 Jul 2023 10:54 am
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