
Shani Rashi parivartan Meen Rashi after 30 years: शनि राशि परिवर्तन पर शनि अमावस्या का योग
Sanyog On Surya Grahan: हिंदू पंचांग के अनुसार 30 साल बाद मीन राशि में शनि अमावस्या पर 29 मार्च 2025 को शनि गोचर हो रहा है। इससे 5 दुर्लभ संयोग बन रहे हैं। प्रयागराज के ज्योतिषी आशुतोष वार्ष्णेय से आइये जानते हैं कौन से दुर्लभ संयोग बन रहे हैं और कौन सा उपाय करना चाहिए (Shani Rashi parivartan Meen Rashi)
पंचांग के अनुसार 29 मार्च को शनि देव मीन राशि में गोचर करेंगे। यह गोचर 29 की रात होगा यानी इसका प्रभाव 30 मार्च से प्रारंभ होगा। इसी दिन शनि की सूर्य से युति भी बनेगी यानी बृहस्पति की राशि में सूर्य ग्रहण और शनि सूर्य की युति भी रहेगी। इसके अलावा शुभ फल देने वाला मीन शनि योग बनेगा।
29 मार्च को वर्ष 2025 का पहला सूर्य ग्रहण भी लगेगा, हालांकि यह भारत में दृश्य नहीं है। इसी दौरान सूर्य कुंभ राशि से निकलकर मीन में गोचर करेंगे और सूर्य शनि की युति बनेगी।
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29 मार्च को शनि राशि परिवर्तन शनिश्चरी अमावस्या के दिन हो रहा है। यह दिन पूर्वजों के श्राद्ध तर्पण के लिए विशेष होता है। इससे शनि देव का आशीर्वाद मिलता है।
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से हिंदू नववर्ष और नवरात्रि की शुरुआत होती है। यह चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 29 मार्च 2025 को शाम 04:27 बजे से शुरू हो रही है। इसलिए मतांतर से चैत्र नवरात्रि शनि राशि परिवर्तन और शनिश्चरी अमावस्या के दिन से शुरू हो रही है। हालांकि ज्यादातर लोग उदयातिथि में 30 मार्च को ही प्रतिपदा मान रहे हैं और इसी दिन से चैत्र नवरात्रि पूजा शुरू करेंगे।
हिंदू नववर्ष गुड़ी पड़वा भी चैत्र प्रतिपदा तिथि को रहता है। यह 30 मार्च उदयातिथि से मनाया जा जाएगा। लेकिन तिथि की शुरुआत 29 मार्च से ही शुरू हो जाएगी।
1.सुबह जल्दी उठकर एक ही जगह बैठकर 51 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें, इससे हनुमानजी की विशेष कृपा प्राप्त होगी और आप ग्रहण और शनि के दुष्प्रभाव से बचेंगे।
2. शनि राशि परिवर्तन के दिन हनुमान मंदिर में जाकर आटे के दीपक जलाकर बजरंगबली की उपासना करनी चाहिए और शनि मंदिर में जाकर छायादान करना चाहिए। एक कटोरी में सरसों का तेल भरकर उसमें अपना चेहरा देखें और कटोरी को शनि महाराज के चरणों में रख दें। इससे शनि की कृपा प्राप्त होगी और कुंडली का शनि दोष राहत देगा।
3. शनिश्चरी अमावस्या के दिन गरीबों और दिव्यांगों को भरपेट भोजन कराएं। इससे शनि दोष और पितृ दोष से छुटकारा मिलता है। यदि ऐसा नहीं कर सकते हैं तो 11, 21, 51 या 108 गायों को एकसाथ हरा चारा खिलाएं।
4. शनि राशि परिवर्तन के दिन पूरन पोली, श्रीखंड, और मीठे चावल बनाएं, पहले भगवान विष्णु, इष्ट देव को भोग लगाएं और फिर खाएं, दूसरों को भी बांटे। इससे इनका आशीर्वाद मिलेगा। इसके अलावा इस दिन पितरों को तर्पण देने से उनका आशीर्वाद मिलता है। इस दिन श्राद्ध, तर्पण से पितृ दोष में राहत मिलती है।
5. शनिश्चरी अमावस्या के दिन माता दुर्गा को चुनरी और उनका मनपसंद भोग चढ़ाएं। इसके अलावा गरीब कन्याओं को भोजन कराएं या मीठा प्रसाद बांटें। इससे जगदंबा का आशीर्वाद आपको मिलेगा।
Updated on:
28 Mar 2025 11:33 am
Published on:
21 Mar 2025 10:11 pm
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