19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Solar Eclipse 2021: 148 वर्ष बाद पड़ रहा अद्भुत संयोग, जानिए सूर्य ग्रहण का समय और भारत में कहां देगा दिखाई

Solar Eclipse 2021 कल है साल का पहला सूर्य ग्रहण, भारत में अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख में आंशिक दिखाई देगा

2 min read
Google source verification
Solar Eclipse 2021 rare combination after 148 years on june 10 know surya grahan timing in India

Solar Eclipse 2021 rare combination after 148 years on june 10 know surya grahan timing in India

नई दिल्ली। साल का पहला सूर्य ग्रहण ( Solar Eclipse 2021 )कल यानी 10 जून को पड़ रहा है। यह पूर्ण सूर्य ग्रहण है जिसमें चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी को ढक लेगा। ऐसे में केवल सूर्य की बाहरी परत ही दिखाई देगी।
ग्रहण में सूर्य के लगभग 94 फीसदी भाग को चंद्रमा ग्रास लेगा यानी कि ग्रहण लगा देगा। पूर्ण सूर्य ग्रहण होने की वजह से दिन में अंधेरा छा जाएगा।

भारत में ये ग्रहण आंशिक रूप से ही होगा। यही वजह है कि ग्रहण काल मान्य नहीं होगा। वहीं असली 'रिंग ऑफ फायर' यानी वलयकार सूर्य ग्रहण का नजारा विदेशों में ही देखा जा सकेगा।

यह भी पढ़ेँः Solar Eclipse 2021 Date: जून में लगेगा 2021 का पहला सूर्यग्रहण, देश की राजनीति पर पड़ेगा इसका असर

करीब 150 वर्ष बन रहा अद्भुत संयोग
तिथि काल गणना के मुताबिक 148 साल बाद यह मौका आया है कि शनि जयंती के दिन सूर्यग्रहण ( Solar eclipse) लगेगा। 10 जून को सूर्य और शनि का अद्भुत योग भी बन रहा है। हालांकि, चंद्रग्रहण की ही तरह भारत में यह सूर्य ग्रहण (Solar eclipse) दिखाई नहीं देगा।

देश के इन इलाकों में ग्रहण का अंश दिखेगा
साल का पहला सूर्य ग्रहण दोपहर 1 बजकर 42 मिनट से शुरू होकर शाम के 6 बजकर 41 मिनट तक रहेगा। भारत में आंशिक असर होने से ये दिखाई नहीं देगा। लेकिन अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख में इसका अंश दिखाई देगा।

अरुणाचल प्रदेश में दिबांग वन्यजीव अभयारण्य के पास से शाम लगभग 5:52 बजे इस खगोलीय घटना को देखा जा सकेगा। वहीं, लद्दाख के उत्तरी हिस्से में, जहां शाम लगभग 6.15 बजे सूर्यास्त होगा, शाम लगभग छह बजे सूर्य ग्रहण देखा जा सकेगा।

इन देशों में दिखेगा रिंग ऑफ फायर
रिंग ऑफ फायर यानी वलयकार सूर्यग्रहण उत्तरी कनाडा, ग्रीनलैंड और रूस में दिखाई देगा। वहीं अमरीका के उत्तरी भाग, यूरोप और एशिया में भी आंशिक ग्रहण ही होगा।

ये होता है वलयकार सूर्यग्रण
वलयाकार सूर्य ग्रहण या रिंग ऑफ फायर तब लगता है जब चंद्रमा पृथ्वी से काफी दूर होते हुए पृथ्वी और सूर्य के बीच में इस तरह से आ जाता है, जिससे सूर्य के बीच का पूरा भाग चंद्रमा की छाया से ढक जाता है, लेकिन सूर्य का बाहरी क्षेत्र प्रकाशित रहता है। इसे ही वलयकार सूर्य ग्रहण कहते हैं, इसमें सूर्य एक अंगूठी यानी रिंग की तरह दिखता है। इस दौरान चंद्रमा सूर्य को 98 फीसदी घेर लेता है।

यह भी पढ़ेंः Shani Jayanti 2021: शनि देव को घर पर रहकर भी आप कर सकते हैं प्रसन्न, जानिए पूजा विधि

ग्रहण के दौरान इन बातों का रखें ध्यान
- किसी भी ग्रहण का सबसे अधिक प्रभाव गर्भवती महिलाओं और बच्चे पर पड़ता है। ऐसे में सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को नंगी आंखों से सूर्य ग्रहण को बिलकुल नहीं देखना चाहिए।

- सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को घर के बाहर नहीं निकलना चाहिए। मान्यता है कि इससे गर्भ में पल रहे शिशु पर बुरा असर पड़ता है।

- ग्रहण काल के दौरान चाकू, ब्लेड, कैंची जैसी किसी भी काटने वाली वस्तु का उपयोग नहीं करना चाहिए।