scriptShani Jayanti 2021: शनि देव को घर पर रहकर भी आप कर सकते हैं प्रसन्न, जानें पूजा विधि और क्या करें व क्या न करें | 2021 me shani jyanti kab hai, jane date and puja time | Patrika News

Shani Jayanti 2021: शनि देव को घर पर रहकर भी आप कर सकते हैं प्रसन्न, जानें पूजा विधि और क्या करें व क्या न करें

locationभोपालPublished: Jun 04, 2021 01:04:11 pm

ऐसे पाएं शनि देव का विशेष आशीर्वाद…

2021 me shani jyanti kab hai, jane date and puja time

shani jyanti 2021 me kab hai

न्याय के देवता शनि देव के जन्म के संबंध में माना जाता है कि इनका जन्म ज्येष्ठ माह की amavasya-date पर हुआ था। ऐसे में हर साल ज्येष्ठ अमावस्या वाले दिन शनि जयंती मनाई जाती है। इस बार भी 10 जून,2021 गुरुवार को शनि जयंती मनाई जाएगी। यह दान-पुण्य, श्राद्ध-तर्पण पिंडदान की अमावस्या भी है। वहीं इसी दिन वट सावित्री व्रत 2021 के अलावा रोहिणी व्रत भी मनाया जाएगा, साथ ही इस दिन सूर्यग्रहण भी रहेगा।
शनि जयंती शुभ मुहूर्त 2021
ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि का प्रारंभ: 09 जून 2021 : 01:57 PM
ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि का समापन: 10 जून 2021 : 04:22 PM

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ज्येष्ठ अमावस्या पर शनि देव के जन्म के चलते ज्येष्ठ अमावस्या का धार्मिक महत्व और भी बढ़ जाता है। वैदिक Jyotishमें शनि देव सेवा और कर्म के कारक माने गए हैं, ऐसे में इस दिन शनि देव की कृपा पाने के लिए विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।
MUST READ- Shani jyanti 2021 पर सूर्य ग्रहण, जानें सभी 12 राशियों पर इसका असर

shani-jayanti-2021-par_surya_grahan
https://www.patrika.com/religion-news/effects-of-solar-eclipse-on-shani-jayanti-at-12-zodiac-signs-6880372/ IMAGE CREDIT: https://www.patrika.com/religion-news/effects-of-solar-eclipse-on-shani-jayanti-at-12-zodiac-signs-6880372/
शनि देव न्याय के देवता हैं उन्हें दण्डाधिकारी और कलयुग का न्यायाधीश भी कहा गया है। Shani dev शत्रु नहीं बल्कि संसार के सभी जीवों को उनके कर्मों का फल प्रदान करते हैं।
दरअसल शनि देव दंड के विधान के तहत आपके कर्मों के आधार पर फल देते हैं, इसके तहत यदि आपके द्वारा गलत कर्म किए गए हैं तो Lord Shani उसका दंड आपको देंगे, वहीं यदि आपने पुण्य कर्म किए हैं तो इससे प्रसन्न होकर शनिदेव आपको आशीर्वाद प्रदान करते हैं। माना जाता है कि शनिदेव आशीर्वाद के फलस्वरूप आपको वो सब भी देते हैं, जो आपके भाग्य में तक नहीं होता।
सप्ताह में जहां इनका दिन शनिवार माना गया है। वहीं इस ग्रह की संचालक देवी माता काली मानी जाती हैं। लाल किताब के अनुसार भैरवजी जबकि ज्योतिष में स्वयं शनिदेव ही शनि ग्रह के देवता माने गए हैं। वहीं Shani devta के दिन यानि शनिवार को हनुमान जी की पूजा का भी विधान है।
Must read- Vat Savitri Vrat 2021: ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या के दिन वट सावित्री व्रत की विधि,कथा और शुभ मुहूर्त

https://www.patrika.com/astrology-and-spirituality/vat-savitri-date-2021-puja-method-story-and-auspicious-time-6878190/
शनि जयंती पर ये करें…
वहीं इस बार भी Corona Pandemic के चलते शनि जयंती पर भक्त मंदिर कम ही जा सकेंगे, ऐसे में जानकारों के अनुसार घर पर भी शनि पूजन से शनि देव की कृपा प्राप्त की जा सकती है। इसके तहत शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए इस दिन यानि शनि जयंती के दिन शनि चालीसा का पाठ करें। वहीं Shani pujan की किताब में छपे शनि देव के चित्र की उपासना पश्चिम की ओर मुंह करके करें।
वहीं शनि चालीसा का पाठ व Shani Mantras का जाप करें। पूजा के दौरान तेल का दीपक काले तिल डाल कर जलाएं। दान पुण्य का विशेष दिन होने के चलते इस दिन अपने आसपास के गरीबों को भोजन कराएं, वस्त्र आदि का दान करें। यदि घर के पास में ही पीपल का पेड़ हो तो वहां भी तेल का दीपक जलाएं। पीपल के पेड़ के नीचे ही शनि पूजन भी किया जा सकता है।
भूलकर भी न करें ये…
Shani जयंती पर बाल व नाखून ना काटें। माना जाता है कि ऐसा करने से आर्थिक तरक्की रुक जाती है। अमावस्या के दिन पीपल की पूजा करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं, लेकिन शनिवार के अलावा अन्य दिन पीपल का स्पर्श नहीं करना चाहिए।
Must Read- Rohini Vrat 2021 : रोहिणी व्रत की पूजा विधि और कथा

https://www.patrika.com/religion-news/rohini-vrat-2021-16-april-significance-and-how-it-s-observed-by-women-6800706/

इसलिए भले ही दूसरे दिनों में भी पीपल की पूजा करें, लेकिन पीपल के वृक्ष को स्पर्श ना करें। अन्य दिन पीपल के वृक्ष को स्पर्श करने के संबंध में माना जाता है कि ऐसा करने से धन की हानि होती है। Saturday के दिन पैसे के लेन-देन से बचें। किसी से कर्ज बिल्कुल ना लें। शनि अमावस्या के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए, संयम बरतें।

वर्तमान में कुंभ, धनु और मकर राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है। ऐसे में इन राशि वालों को राजा दशरतकृत शनि स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। माना जाता है कि इस स्तोत्र का पाठ करने से शनिदेव की विशेष Blessings प्राप्त होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शनि की साढ़ेसाती से पीड़ित व्यक्ति को रोजाना इस स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।

भूल से भी न करें ये गलती:
कहा जाता है कि शनिदेव की पूजा के दौरान उपासक भूलकर शनि देव की नजरों से नजर न मिलाएं, अन्यथा उसके जीवन में अनिष्ट हो सकता है। इस दौरान शनिदेव का सारा पूजन सिर को नीचे झुकाकर ही करें।

दरअसल मान्यता के अनुसार शनिदेव को Shanidev wife के श्राप के कारण उनकी दृष्टि वक्र हो गई, ऐसे में पूजा करते समय उनसे आंख मिलाने पर उपासक के जीवन में अशुभता आ सकती है।

शनिदेव : ऐसे लोगों से रहते हैं नाराज
शनि देव शराब पीने, ब्याजखोरी करने, जुआ-सट्टा खेलने, परस्त्री गमन करने, अप्राकृतिक रूप से संभोग करने, झूठी गवाही देने वाले लोगों के अलावा निर्दोष लोगों को सताने, किसी के पीठ पीछे उसके खिलाफ कोई कार्य करने वालों और माता-पिता,चाचा-चाची, सेवकों और गुरु का अपमान करने वालों, ईश्वर के खिलाफ होने वालों, दांतों को गंदा रखने वालों, भैंस या भैसों को मारने वाले, सांप, कुत्ते और कौवों को सताना वालों को भी पसंद नहीं करते हैं। इसके अलावा सफाईकर्मी और अपंगों का अपमान करना भी इन्हें नाराज करता है।

MUST READ- Solar Eclipse 2021 Date: जून में लगेगा 2021 का पहला सूर्यग्रहण, देश की राजनीति पर पड़ेगा इसका असर

https://www.patrika.com/religion-and-spirituality/2021-ka-pehla-surya-grahan-kab-hai-or-ye-kaha-kaha-dekhega-6868858/

शनिदेव की नाराजगी से बचने के उपाय :
माना जाता है कि न्याय के देवता आपकी गलतियों पर दंड के विधान के तहत कार्य करते हैं। ऐसे में कोई भी गलत कर्म करने वाले उनके दंड से नहीं बच सकता यानि वे दंड जरूर देते हैं। लेकिन कई बार अंजाने में भी कुछ लोग अज्ञानता के चलते कुछ गलत कर देते हैं, ऐसे में वे भी दंड के भागी बन जाते है।

लेकिन कुछ ऐसे उपाय भी है जो Shani Maharaj को शांत करने के साथ ही उन्हें प्रसन्न भी करते हैं, ऐसे में शनि देव का आशीर्वाद पाने के लिए और उनकी नाराजगी से बचने के लिए माना जाता है कि व्यक्ति को हर रोज हनुमान चालीसा पढ़नी चाहिए।

इसके अलावा भगवान भैरव को कच्चा दूध चढ़ाने, छाया दान करने, कौवे को हर रोज रोटी खिलाने, अंधे-अपंगों, सेवकों और सफाईकर्मियों की सेवा करने के साथ ही तिल, उड़द, भैंस, लोहा, तेल, काला वस्त्र, काली गौ, और जूता दान करने से भी शनि देव प्रसन्न होते हैं।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो