
हिन्दु पंचाग के मुताबिक इस वर्ष बसंत पंचमी या सरस्वती पूजा का पर्व 26 जनवरी को मनाया जाएगा। दरअसल प्रत्येक वर्ष यह पर्व माघ शुक्ल पंचमी को मनाया जाता है। इस बार यह तिथि 25 जनवरी की शाम से ही शुरू हो जाएगी, लेकिन उदयातिथि के अनुसार बसंत पंचमी 26 जनवरी को मनाई जाएगी। धार्मिक दृष्टिकोण से यह पर्व विद्यार्थियों के लिए विशेष महत्व रखता है। वहीं आपको बता दें कि कला और संगीत से जुड़े लोगों के लिए यह दिन खास होता है। इन क्षेत्रों से जुड़े लोगों पर सरस्वती मां का ही आशीर्वाद हमेशा बना रहता है। वहीं शिक्षा और ज्ञान की देवी सरस्वती मां स्टूडेंट्स पर भी अपनी कृपा बरसाती हैं। लेकिन अगर आपको मेहनत करने के बावजूद सफलता नहीं मिल पा रही है, तो बसंत पंचमी पर कुछ उपाय करने से आपको जरूर सफलता मिलेगी। इस लेख में पत्रिका.कॉम आपको बता रहा है, बसंत पंचमी की तिथि, पूजा, शुभ मुहूर्त तथा उपाय...
4 शुभ योग में मनाई जाएगी बसंत पंचमी
ज्योतिषाचार्य पं. जगदीश शर्मा के अनुसार इस साल बसंत पंचमी पर एक नहीं बल्कि, 4 विशेष योग का निर्माण हो रहा है। इस बार 26 जनवरी के दिन शिव योग, सिद्ध योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग का संयोग बनने जा रहा है।
शिव योग - बसंत पंचमी के दिन यानी 26 जनवरी को सुबह 03 बजकर 10 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 29 मिनट तक शिव योग रहेगा।
सिद्ध योग- शिव योग के समाप्त होते ही सिद्ध योग शुरू हो जाएगा, जो पूरी रात रहेगा। इस योग को बेहद शुभ माना जाता है।
सर्वार्थ सिद्धि योग - बसंत पंचमी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग शाम 06 बजकर 57 मिनट से लेकर अगले दिन 07 बजकर 12 मिनट तक रहेगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस योग में किए गए सभी कार्य सफल, संपन्न और सिद्ध होते हैं।
रवि योग- इस दिन रवि योग शाम 06 बजकर 57 से लेकर अगले दिन सुबह 07 बजकर 12 मिनट तक रहेगा। सूर्य देव की कृपा से इस योग में किए गए सभी कार्यों में अमंगल दूर होते हैं और शुभता की प्राप्ति होती है।
बसंत पंचमी 2023 पर शुभ मुहूर्त
* माघ शुक्ल पंचमी आरंभ - 25 जनवरी 2023, दोपहर 12 बजकर 34 मिनट से
* माघ शुक्ल पंचमी समाप्त- 26 जनवरी 2023, सुबह 10 बजकर 28 मिनट तक
* उदयातिथि के अनुसार, बसंत पंचमी 26 जनवरी 2023 को मान्य होगी।
* पूजा के लिए शुभ मुहूर्त- 26 जनवरी 2023, सुबह 07 बजकर 12 मिनट से दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक।
धार्मिक महत्व
बसंत पंचमी के त्योहार को लेकर मान्यता है कि सृष्टि अपनी प्रारंभिक अवस्था में मूक, शांत और नीरस थी। चारों तरफ मौन देखकर भगवान ब्रह्मा जी भी अपने द्वारा की गई सृष्टि सृजन से संतुष्ट नहीं थे। तब उन्होंने अपने कमंडल से जल छिड़का और इससे अद्भुत शक्ति के रूप में मां सरस्वती प्रकट हुईं। मां सरस्वती ने वीणा पर मधुर स्वर छेड़ा, जिससे संसार को ध्वनि और वाणी मिली। इसलिए बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करने का विधान माना गया है। माना जाता है कि इस दिन पूजा-आराधना करने से मां सरस्वती प्रसन्न होती हैं और ज्ञान का आशीर्वाद देती हैं। बसंत पंचमी के दिन पीले रंग का भी विशेष महत्व होता है, विद्या आरंभ या फिर किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत के लिए इस दिन को बेहद उत्तम माना जाता है।
बसंत पंचमी के दिन करें ये उपाय
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कई बार घर में मौजूद वास्तु दोष विद्यार्थियों को शिक्षा में बाधाएं उत्पन्न करते हैं। जिससे उन्हें परीक्षा में मनवांछित सफलता नहीं मिलती। ऐसे में उन्हें बसंत पंचमी के दिन पूर्व, उत्तर या पूर्वोतर दिशा में बैठकर पढ़ाई करने से मां सरस्वती की कृपा प्राप्त होती है। वास्तु में इस दिशा को ध्यान और शांति का केंद्र माना गया है। इस दिशा में बैठकर पढ़ाई करने से मन और मस्तिष्क में एकाग्रता आती है।
- बसंत पंचमी के दिन स्टूडेंट्स सफेद और पीले रंग के कपड़े पहनना चाहिएं। साथ ही, उत्तर-पूर्व या ईशान कोण में भगवान श्री गणेश और मां सरस्वती की मूर्ति स्थापित करें और उनकी विधिवत पूजा करें। आपको बता दें कि इस पूजा के दौरान पीले रंग के फूल, मिठाई या खीर जरूर अर्पित करें।
- स्टूडेंट्स को इस दिन मां सरस्वती को केसर या पीले रंग के चंदन का तिलक लगाना चाहिए। साथ ही, इस दिन पीले रंग के वस्त्र जरूर पहनें। पूजा स्थल पर किताब और कलम अवश्य रखें। इससे आप पर भी मां सरस्वती का आशीर्वाद बना रहेगा। आपको ज्ञान, बुद्धि एवं विवेक का आशीर्वाद प्राप्त मिलेगा।
- जिन लोगों को पढ़ाई में किसी प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है या फिर वे एकाग्रता से नहीं पढ़ पाते उन्हें बसंत पंचमी के दिन 'ऊं ऐं सरस्वत्यै ऐं नम:' मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए। यहां ध्यान रखें कि इस दौरान मंत्र का जाप स्वच्छ आसन पर बैठकर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके ही करें।
राशि के अनुसार करें ये उपाय
मेष - बसंत पंचमी के दिन सफेद रंग के वस्त्र पहनकर सरस्वती मां की पूजा करें और सरस्वती कवच पाठ जरूर करें। ऐसा करने से बुद्धि की प्राप्ति होगी। इसके अलावा एकाग्रता बढ़ेगी।
वृषभ - मां सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए वृषभ राशि के जातक माता को सफेद चंदन का तिलक लगाएं और फूल अर्पित करें। ऐसा करने से ज्ञान में वृद्धि होगी।
मिथुन - इस राशि के लोगों या स्टूडेंट्स को मां सरस्वती को हरे रंग का पेन (कलम) अर्पित करना चाहिए और उससे ही अपने सभी कार्यों को पूरा करना चाहिए। ये कार्य आपकी लिखने संबंधी परेशानियों को दूर कर देंगे।
कर्क - कर्क राशि के लोगों को मां सरस्वती को खीर का भोग लगाना चाहिए। संगीत क्षेत्र से जुड़े हैं, तो ऐसा करने से आपको बहुत लाभ मिलेगा।
सिंह - इस राशि के लोग मां सरस्वती की पूजा के दौरान गायत्री मंत्र का जाप जरूर करें। ऐसा करने से विदेश में रहकर पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स की इच्छा पूरी हो जाएगी।
कन्या- कन्या राशि वालों को गरीब बच्चों में पढऩे की सामग्री बांटना चाहिए। इनमें पेन, पेंसिल किताबें आदि शामिल होना चाहिए। मान्यता है कि यदि आप ऐसा करते हैं तो पढ़ाई में आ रही आपकी परेशानी दूर हो जाएगी।
तुला - तुला राशि के लोगों को किसी ब्राह्मण को सफेद कपड़े दान में देना चाहिए। ऐसा करने से उन्हें वाणी से जुड़ी किसी परेशानी से निजात मिल सकती है।
वृश्चिक - यदि आपको याददाश्त से संबंधित कोई परेशानी है, तो इसे आप मां सरस्वती की आराधना करके दूर कर सकते हैं। मां सरस्वती की पूजा के बाद लाल रंग का पेन उन्हें अर्पित करें।
धनु - मां सरस्वती को पीले रंग की कोई मिठाई अर्पित करें। इससे आपकी निर्णय लेने की क्षमता बढ़ जाएगी। साथ ही आपकी उच्च शिक्षा की इच्छा भी पूरी होगी।
मकर - मकर राशि वाले स्टूडेंट्स गरीबों को सफेद रंग का अनाज दान करें। ऐसा करने से मां सरस्वती की कृपा प्राप्त होगी और आपके बुद्धिबल में विकास होगा।
कुंभ - कुंभ राशि के लोग गरीब बच्चों को स्कूल बैग और दूसरी जरूरी चीजें दान करें। ऐसा करने से मां सरस्वती की कृपा आप पर बनी रहेगी और आपका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।
मीन - मीन राशि वाले इस दिन छोटी कन्याओं को पीले रंग के कपड़े दान करें। इससे आपके कॅरियर में आने वाली समस्याएं दूर हो जाएंगी।
Updated on:
23 Jan 2023 03:38 pm
Published on:
23 Jan 2023 03:36 pm
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