प्रत्येक भाषा और हर शब्द उन्हीं ने बनाया है, इसलिए भोजपुरी में की गई प्रार्थना भी परमेश्वर तक पहुंचती है, जैसे कि दूसरी भाषाएं परमेश्वर सुन सकते हैं। यहां फादर भी भोजपुरी में ही वचन सुनाते हैं। उनके मुताबिक, भोजपुरी भाषा में प्रार्थना और वचन से श्रद्धालु अपनापन महसूस करते हैं।