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मायावती का अखिलेश व मुलायम पर हमला, बैठक में जमकर लगाए आरोप

locationऔरैयाPublished: Jun 23, 2019 07:10:08 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

BSP chief Mayawati की राष्ट्रीय स्तर की बैठक में मुलायम व अखिलेश को लेकर हुई बड़ी बातें.

Akhilesh Mayawati

Akhilesh Mayawati

लखनऊ. समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) से गठबंधन कर बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने लोकसभा चुनाव 2019 में शुन्य से 10 तक का सफर तय किया है। सपा की करारी हार तो हुई ही, लेकिन मायावती द्वारा गठबंधन तोड़ अकेले चुनाव लड़ने के फैसले ने सपा को भीतरघात किया है। रविवार को राष्ट्रीय अधिवेशन के बाद भी मायावती ने अपने मंसूबे साफ किए और दोबारा यह बयान देकर एक अनचाही डोर बांधने की कोशिश की है कि अखिलेश (Akhilesh Yadav) से उनसे दोस्ती जारी रहेगी। लेकिन बसपा की राष्ट्रीय स्तर की मीटिंग में जो बातें बाहर निकल कर आई हैं, वह सपा के लिए अच्छा संकेत नहीं है। मायावती ने बैठक में अखिलेश पर चुनाव के बाद उन्हें फोन न करने पर नाराजगी जताई। चुनाव में कम सीटों पर जीत के लिए तो बसपा सुप्रीमो ने अखिलेश को जिम्मेदार ठहराया ही, सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव पर भी भाजपा के साथ मिलकर उन्हें फंसाने का आरोप लगाया है।
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mayawati akhilesh
अखिलेश ने फोन तक नहीं किया-

एक लोकप्रिय वेबसाइट पर छपी खबर के अनुसार बसपा की राष्ट्रीय स्तर की बैठक में मायावती ने अखिलेश के प्रति नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि चुनाव नतीजों के बाद सपा अध्यक्ष ने उन्हें फोन तक नहीं किया, बल्कि इसके लिए सतीश चंद्र मिश्रा ने अखिलेश से कहा भी था, लेकिन वह नहीं मानें। बैठक में मायावती ने कहा कि 23 मई तो चुनावी नतीजों को दौरान उन्होंने बड़े होने का फर्ज निभाया और अखिलेश को परिवार को फोन कर चुनाव में हार पर अफसोस जताया।
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मुलायम ने भाजपा के साथ मिलकर मुझे फंसाया-

मायावती का आरोप है कि ताज कॉरिडोर केस में उन्हें फंसाने के लिए मुलायम सिंह यादव भाजपा के साथ थे। वहीं चुनाव में वोट न ट्रांसफर होने के पीछे की वजह बताते हुए मायावती ने कहा कि अखिलेश की सपा सरकार में पिछड़ों व गैर यादवों के साथ नाइंसाफी हुई थी, इसलिए उन्होंने वोट नहीं किया। साथ ही दलित व पिछड़ों ने भी पार्टी को वोट नहीं दिया क्योंकि सपा ने प्रमोशन में आरक्षण का विरोध किया था।
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अखिलेश ने मिश्रा से भिजवाया मुझे मैसेज- मायावती
बसपा मुखिया ने कहा कि 3 जून को जब दिल्ली में हुई बैठक में गठबंधन तोड़ने की बात की तब भी अखिलेश ने उनसे बात न करते सतीष चंद्र मिश्रा को फोन किया और मुझे संदेश भिजवाया कि मैं मुसलमानों को टिकट न दूं, क्योंकि ऐसा कर ध्रुवीकरण होगा, लेकिन मैंने उनकी बात नहीं मानी।

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