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ADAS सेफ्टी फीचर्स की डिमांड में बूम, 2030 तक 90% गाड़ियों में होगा इस्तेमाल: नीति आयोग

ADAS Safety Features: रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जो ऑटो निर्माता नई टेक्नोलॉजी, सॉफ्टवेयर और ऑटोमेशन को जल्द अपनाएंगे, वही आगे चलकर बाजार में टिक पाएंगे।इसके लिए कंपनियों को टेक फर्म्स के साथ मिलकर काम करना होगा...

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भारत

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Rahul Yadav

Apr 19, 2025

ADAS Safety Features

ADAS Safety Features

ADAS Safety Features: भारत में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री आने वाले सालों में तेजी से बदलने वाली है। नीति आयोग की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, 2030 तक स्मार्ट टेक्नोलॉजी, सेफ्टी फीचर्स और सेल्फ-ड्राइविंग तकनीक इस सेक्टर की दिशा और दशा तय करेंगे।

ADAS फीचर्स की डिमांड होगी कई गुना ज्यादा

रिपोर्ट में बताया गया है कि Advanced Driver Assistance Systems (ADAS) जैसे फीचर्स, जो ड्राइविंग को सुरक्षित बनाते हैं, साल 2020 में सिर्फ 42% गाड़ियों में मौजूद थे। लेकिन 2030 तक ये फीचर्स 90% नई गाड़ियों में देखे जा सकते हैं। यह बढ़ोतरी लोगों की सुरक्षा को लेकर बढ़ती जागरूकता और सरकारी नियमों की वजह से हो रही है।

सेल्फ-ड्राइविंग कारें भी दिखेंगी ज्यादा

2020 में भारत में सेल्फ-ड्राइविंग तकनीक वाली गाड़ियां बहुत कम थीं, मतलब कि कुल गाड़ियों का सिर्फ 1% हिस्सा। लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक, 2030 तक 30% से ज्यादा गाड़ियों में कुछ न कुछ ऑटोनॉमस फीचर्स देखने को मिल सकते हैं।

इससे सेंसर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और पावरफुल कंप्यूटर सिस्टम्स की डिमांड भी तेजी से बढ़ेगी।

वाहनों में सॉफ्टवेयर की भूमिका बढ़ेगी

अभी एक गाड़ी की कुल कीमत में सॉफ्टवेयर का हिस्सा लगभग 2% होता है। लेकिन 2030 तक ये 4 से 5% तक पहुंच सकता है। ओवर-द-एयर अपडेट्स और कनेक्टेड कार टेक्नोलॉजी के चलते, ऑटो सॉफ्टवेयर का बाजार 80 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना है।

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इलेक्ट्रिक वाहनों का बढ़ेगा वर्चस्व

रिपोर्ट में बताया गया है कि EV (इलेक्ट्रिक वाहन) इंडस्ट्री भी तेजी से बढ़ रही है। एक इलेक्ट्रिक कार के कुल वैल्यू में लगभग 50% हिस्सा EV-विशेष पुर्जों का होगा - जैसे इलेक्ट्रिक मोटर, लिथियम-आयन बैटरी और स्मार्ट इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल हैं। इस बदलाव का मतलब है कि कंपनियों को नई टेक्नोलॉजी में निवेश और उत्पादन को तेजी से बढ़ाना होगा।

तकनीकी कंपनियों से साझेदारी जरूरी

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जो ऑटो निर्माता नई टेक्नोलॉजी, सॉफ्टवेयर और ऑटोमेशन को जल्द अपनाएंगे, वही आगे चलकर बाजार में टिक पाएंगे। इसके लिए कंपनियों को टेक फर्म्स के साथ मिलकर काम करना होगा, ताकि आने वाले समय में मोबिलिटी की दुनिया में खुद को मजबूती से स्थापित किया जा सके।

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