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Lok Adalat: सिर्फ 2 मिनट में जानें लोक अदालत से चालान माफी का पूरा प्रोसेस; रजिस्ट्रेशन, सुनवाई और छूट की शर्तें

Lok Adalat Process for Traffic Challan: लोक अदालत से ट्रैफिक चालान माफी पाने का आसान तरीका। जानें ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, टोकन प्रक्रिया और जुर्माने में छूट की पूरी डिटेल।

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भारत

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Rahul Yadav

Sep 13, 2025

Lok Adalat Process for Traffic Challan

Lok Adalat Process for Traffic Challan (Image: Gemini)

Lok Adalat Process for Traffic Challan: अगर आपके भी वाहन पर ट्रैफिक चालान बकाया है तो उसे निपटाने का सबसे आसान और किफायती तरीका लोक अदालत है। यह अदालतें समय-समय पर लगाई जाती हैं और खासतौर पर उन वाहन चालकों के लिए राहत लेकर आती हैं जिनके चालान लंबे समय से पेंडिंग हैं। लोक अदालत में मामूली ट्रैफिक उल्लंघनों के मामलों में चालान पर भारी छूट मिलती है और कई बार तो पूरा जुर्माना भी माफ हो जाता है। तो चलिए जानते हैं प्रूरा प्रोसेस कैसे आप भी अपनी कार, बाइक या अन्य किसी वाहन का चालान लोक अदालत से निबटा सकते हैं।

किन चालानों पर मिलती है राहत?

लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य छोटे-मोटे ट्रैफिक विवादों को जल्दी और आसानी से सुलझाना है। इसीलिए यहां आमतौर पर उन मामलों पर राहत दी जाती है जिनमें बिना हेलमेट या सीट बेल्ट वाहन चलाना, रेड लाइट तोड़ना, गलत पार्किंग करना, ओवरस्पीडिंग करना या वाहन का वैध प्रदूषण प्रमाणपत्र न होना शामिल है। ऐसे मामूली उल्लंघनों के चालानों पर अदालत अक्सर जुर्माने में छूट या पूरी माफी देती है।

हालांकि, गंभीर अपराध जैसे शराब पीकर गाड़ी चलाना, हिट एंड रन, नाबालिग द्वारा ड्राइविंग या ऐसी गलती जिससे किसी की जान को खतरा हो इन मामलों में लोक अदालत में राहत नहीं मिलती है।

लोक अदालत में रजिस्ट्रेशन कैसे करें?

लोक अदालत में केस लेने के लिए वाहन मालिक को पहले ऑनलाइन पंजीकरण करना होता है। दिल्ली में यह प्रक्रिया दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की आधिकारिक वेबसाइट पर पूरी की जा सकती है।

  • वेबसाइट पर जाएं और Delhi State Legal Services Authority का विकल्प चुनें।
  • लोक अदालत टोकन रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरें।
  • नाम, संपर्क नंबर, वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर और लंबित चालान का विवरण दर्ज करें।
  • फॉर्म सबमिट करने के बाद आपको टोकन नंबर और अपॉइंटमेंट पत्र ईमेल या एसएमएस से मिल जाएगा।

नोट: उत्तर प्रदेश, राजस्थान और बिहार में लोक अदालत के लिए ऑनलाइन पंजीकरण संबंधित राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण की वेबसाइट पर किया जा सकता है।

सुनवाई वाले दिन क्या ध्यान रखें?

  • अपॉइंटमेंट पत्र की प्रिंटेड कॉपी साथ लाना जरूरी है।
  • समय से पहले अदालत परिसर में पहुंचें ताकि देरी न हो।
  • वाहन से जुड़े सभी जरूरी कागजात और चालान की रसीदें साथ रखें।
  • कई बार कुछ स्थानों पर वॉक-इन सुविधा भी उपलब्ध होती है लेकिन इसके लिए स्थानीय जानकारी देखना बेहतर होता है।

लोक अदालत कहां लगती है?

दिल्ली सहित देशभर में लोक अदालतें अलग-अलग कोर्ट परिसरों में आयोजित की जाती हैं। दिल्ली में यह आमतौर पर द्वारका कोर्ट, तीस हजारी कोर्ट, रोहिणी कोर्ट, पटियाला हाउस कोर्ट, साकेत कोर्ट, कारकड़ूमा कोर्ट और राउज एवेन्यू कोर्ट में लगती हैं। इसके अलावा हाई कोर्ट, कंज्यूमर फोरम और अन्य ट्रिब्यूनल में भी समय-समय पर लोक अदालत का आयोजन होता है।

लोक अदालत से होने वाले फायदे

  • लोक अदालत में केस निपटाने के कई फायदे हैं।
  • छोटे ट्रैफिक चालानों पर जुर्माने में भारी छूट या पूरी माफी मिल जाती है।
  • लंबित मामलों का जल्दी निपटारा हो जाता है।
  • किसी तरह का अतिरिक्त शुल्क या कोर्ट फीस नहीं देनी पड़ती है।
  • अदालतों का बोझ कम होता है।
  • वाहन मालिक समय, पैसा और कानूनी परेशानी से बच जाते हैं।

लोक अदालत वाहन मालिकों के लिए एक बेहद आसान और किफायती विकल्प है। यदि आपका ट्रैफिक चालान पेंडिंग है तो अगली बार लोक अदालत लगने पर इसमें हिस्सा लेकर उसे कम पैसों में निपटाना आपके लिए सबसे बेहतर समाधान हो सकता है।