
Monsoon Driving Safety Tips (Image Source: Pixels)
Monsoon Driving Safety Tips: मानसून का मौसम जहां हरियाली, ठंडक और रोमांच लेकर आता है वहीं यह सड़क पर चलने वालों लोगों के लिए कुछ चुनौतियां भी खड़ी करता है। पानी से लबालब सड़कें, फिसलन, कम विजिबिलिटी और इंजन में नमी जैसी समस्याएं ड्राइविंग को जोखिम भरा बना देती हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप समय रहते कुछ जरूरी सावधानियां अपनाएं और अपनी गाड़ी को मानसून के लिए तैयार रखें।
अगर आप भी बारिश के मौसम में लंबी ड्राइव का मजा लेना चाहते हैं या रोज ऑफिस-स्कूल के लिए सफर करते हैं, तो ये 5 जरूरी टिप्स आपके बहुत काम आने वाले हैं।
मानसून के मौसम में सबसे पहली और जरूरी सलाह है तेज गाड़ी न चलाएं। बारिश में सड़कें फिसलन भरी हो जाती हैं और ब्रेक लगाने पर गाड़ी स्लिप कर सकती है। ऐसे में कम स्पीड पर गाड़ी चलाना न सिर्फ आपकी सुरक्षा के लिए, बल्कि दूसरों के लिए भी जरूरी है। खासतौर पर टर्न लेते वक्त और ब्रिज या स्लोप वाले रास्तों पर एक्स्ट्रा सावधानी बरतें।
मानसून के मौसम में सबसे बड़ी समस्या धुंधले शीशे और धुंधला दृश्य होती है । बारिश के दौरान विंडशील्ड पर लगातार पानी गिरने से विजिबिलिटी कम हो जाती है ऐसे में वाइपर की सही कंडीशन बेहद जरूरी है।
अगर वाइपर ब्लेड पुरानी हो चुकी हो या चलाते समय आवाज करे तो तुरंत बदलवा लें। साथ ही विंडशील्ड पर एंटी-फॉग सॉल्यूशन लगाना एक स्मार्ट तरीका है जिससे कांच धुंधला नहीं होता। गाड़ी की डी-फॉगर सेटिंग्स और एसी को भी चेक कर लें क्योंकि ये अंदर की नमी कम करने में मदद करते हैं।
बारिश में धूप नदारद हो जाती है जिससे दिन के वक्त भी रोशनी कम हो जाती है। ऐसे में हेडलाइट, टेललाइट और इंडिकेटर की भूमिका बहुत अहम हो जाती है। अगर इनमें धूल, पानी या धुंध जम गई हो तो इन्हें साफ करें और बल्ब की रोशनी चेक करें।
ध्यान रखें कि हेडलाइट हमेशा लो बीम पर होनी चाहिए ताकि सामने से आने वाले ड्राइवर को परेशानी न हो। ब्रेक लाइट भी तेज और क्लियर होनी चाहिए ताकि पीछे आने वाली गाड़ियों को समय रहते आपके ब्रेक लगाने का संकेत मिल सके।
बरसात में सबसे ज्यादा अहम होता है गाड़ी का ग्रिप यानि टायर और ब्रेक की कंडीशन महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। गीली सड़कों पर टायर की पकड़ कमजोर हो जाती है जिससे एक्वाप्लानिंग की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए टायर की ट्रीड डेप्थ कम से कम 2-3 मिमी होनी चाहिए।
अगर टायर घिस चुके हैं या उनमें क्रैक नजर आ रहे हैं तो तुरंत बदलवा लें। साथ ही ब्रेक्स की भी जांच कर लें, अगर ब्रेक लेने में समय लग रहा है या आवाज आ रही है, तो सर्विस सेंटर जाना न भूलें।
मानसून में गाड़ी के अंदर भी नमी घुस जाती है, जिससे बदबू और फफूंदी की समस्या हो सकती है। सीट पर पुराना तौलिया बिछाएं और मैट्स पर अखबार रखें ताकि पानी सोख सके। बारिश के बाद गाड़ी के दरवाजे खोलकर थोड़ी देर वेंटिलेशन जरूर दें।
एसी को कुछ समय तक चलाकर अंदर की नमी और गंध को कम किया जा सकता है। साथ ही एसी वेंट्स की सफाई और एंटी-बैक्टीरियल स्प्रे का इस्तेमाल भी अच्छा रहेगा।
अक्सर लोग बारिश के दौरान पानी में गाड़ी डाल देते हैं, जो इंजन को बड़ा नुकसान पहुंचा सकता है। अगर सड़क पर पानी भरा है और उसका लेवल टायर के आधे से ऊपर जा रहा है तो उस रास्ते से बचना बेहतर है।
अगर मजबूरी में उस रास्ते से जाना पड़े, तो गाड़ी को स्लो रखें और मिडल लेन में चलाएं क्योंकि वहां पानी कम होता है। साथ ही क्लच को आधा दबाकर एक ही गियर में धीरे-धीरे निकलें ताकि इंजन में पानी न जाए।
Published on:
27 May 2025 12:05 pm
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