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केंद्र सरकार ने किया प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र के नियम में बड़ा बदलाव, देशभर में होगा एक समान सर्टिफिकेट

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 के अंतर्गत देश भर में जारी किए जाने वाले पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट को लेकर बड़ा आदेश जारी किया है।

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New rule for Pollution Under Control Certificate, Uniform PUC to be issued across India

New rule for Pollution Under Control Certificate, Uniform PUC to be issued across India

नई दिल्ली। वाहनों के नियंत्रित प्रदूषण को पुख्ता करने के लिए जारी किए जाने वाले प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र को लेकर केंद्र सरकार ने एक बड़ा आदेश जारी किया है। इसके तहत जल्द ही देश भर में एक समान प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र जारी किए जाएंगे और सीमा से ज्यादा उत्सर्जन पाए जाने पर रिजेक्शन स्लिप भी जारी की जाएगी। वहीं, अधिकारियों को तय सीमा से ज्यादा उत्सर्जन का शक होने पर वाहन को जांच के लिए पीयूसी सेंटर भेजने का भी अधिकार होगा। जानिए इससे जुड़ी प्रमुख बातेंः

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1. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 के अंतर्गत देश भर में जारी किए जाने वाले पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट (PUC Certificate) के एक समान प्रारूप की दिशा में यह कदम उठाया है।

2. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने बीते 14 जून को इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की है। इस अधिसूचना का मकसद है कि जल्द ही देश भर में एक समान प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र प्रारूप की शुरूआत की जाए और इसके डाटाबेस को नेशनल रजिस्टर से जोड़ा जाए।

3. इतना ही नहीं अस्वीकृति पर्ची (रिजेक्शन रिसिप्ट) की भी व्यवस्था भी पहली बार शुरू की जा रही है। इसके अंतर्गत संबंधित उत्सर्जन मानदंडों में आदेशित जांच के नतीजे, अधिकतम स्वीकृत मानदंडों से अधिक होने की स्थिति में वाहन मालिक को अस्वीकृति पर्ची का एक सामान्य प्रारूप दिया जाना है।

4. इस दस्तावेज को वाहन की सर्विस कराने के लिए सर्विस सेंटर पर दिखाया जा सकता है या फिर तब इस्तेमाल किया जा सकता है, जब किसी दूसरे सेंटर पर जांच कराने पर पीयूसीसी सेंटर का उपकरण ठीक से काम नहीं कर रहा हो।

5. इस नई व्यवस्था के तहत प्रमाणपत्र में सूचना गोपनीय रहेगी। यानी वाहन मालिक का मोबाइल नंबर, नाम और पता, इंजन नंबर गोपनीय रहेंगे। सर्टिफिकेट में चेसिस के केवल चार अंक दिखाई देंगे। इसके अलावा वाहन मालिक का मोबाइल नंबर अनिवार्य कर दिया गया है, जिस पर सत्यापन और शुल्क के लिए एक एसएमएस अलर्ट भी भेजा जाएगा।

6. यदि नियम लागू कराने वाले अधिकारी के पास यह मानने का कारण है कि कोई मोटर वाहन उत्सर्जन मानकों के प्रावधानों का अनुपालन नहीं कर रहा है, तो वह वाहन चालक या वाहन के प्रभारी किसी भी व्यक्ति को प्राधिकृत प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) जांच स्टेशनों में से किसी एक में जांच के लिए वाहन प्रस्तुत करने के लिए लिखित रूप में या इलेक्ट्रॉनिक मोड के माध्यम से सूचित कर सकता है।

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7. यदि वाहन चालक या प्रभारी व्यक्ति अनुपालन के लिए वाहन प्रस्तुत करने में विफल रहता है या वाहन अनुपालन करने में विफल रहता है, तो वाहन का मालिक दंड के भुगतान के लिए उत्तरदायी होगा।

8. यदि वाहन मालिक इसका अनुपालन करने में विफल रहता है, तो आरटीओ लिखित रूप में दर्ज किए जाने वाले कारणों के लिए वाहन का पंजीकरण प्रमाणपत्र (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट) और किसी भी परमिट को निलंबित कर देगा, जब तक कि ऐसे समय तक वैध "प्रदूषण नियंत्रण के तहत" प्रमाण पत्र जारी नहीं होता है।

9. इस प्रकार नियम लागू कराना आईटी-इनेबिल्ड होगा और प्रदूषणकारी वाहनों पर बेहतर नियंत्रण में मदद करेगा।

10. फॉर्म पर एक क्यूआर कोड छपा होगा। इसमें पीयूसी केंद्र के बारे में पूरी जानकारी होगी।