
Volonaut Airbike
Volonaut Airbike Concept: सोचिए अगर हम ट्रैफिक में फंसे बिना सीधे हवा में उड़कर दफ्तर या शॉपिंग के लिए निकल सकें तो जिंदगी कितनी आसान हो जाएगी। आज के समय में जब ट्रैफिक और प्रदूषण सबसे बड़े सिरदर्द बन चुके हैं टेक्नोलॉजी हमें ऐसे ही समाधान दे रही है जो पहले सिर्फ फिल्मों और कहानियों में ही संभव था लेकिन अब लगता है हकीकत के करीब हैं। इससे पहले हमने उड़ने वाली कार और एयर टैक्सी के कॉन्सेप्ट मॉडल्स देखें थे लेकिन अब उड़ने वाली बाइक (Volonaut Airbike) भी आ गई है। हालांकि यह बाइक भी कॉन्सेप्ट मॉडल ही है जिसका कंपनी ट्रायल कर रही है मार्केट में आने में अभी समय लगेगा। चलिए जानते हैं इस उड़ने वाली बाइक से जुड़ी पूरी डिटेल के बारे में।
Volonaut Airbike को Jetson One के निर्माता टोमस्ज पाटन (Tomasz Patan) ने तैयार किया है। Jetson One में खुले प्रोपेलर थे लेकिन Airbike में ऐसा कुछ नहीं दिखता। माना जा रहा है कि ये जेट प्रोपल्शन टेक्नोलॉजी पर आधारित है। हालांकि इसके पूरे तकनीकी डिटेल्स अभी साझा नहीं किए गए हैं।
Air bike को शहरों के अंदर कम दूरी की तेज और आसान उड़ानों के लिए बनाया गया है। इसकी सबसे बड़ी खासियत इसका खुला डिजाइन है। इसमें न तो छत है, विंडशील्ड और न ही पारंपरिक कॉकपिट का इस्तेमाल किया गया है। इसकी जगह हैंडलबार्स और ओपन फ्रेम दिया गया है जिससे उड़ान के दौरान साफ नजारा मिलता है।
इसकी फ्रेम को कार्बन फाइबर और 3D प्रिंटेड पार्ट्स से बनाया गया है जिससे इसका वजन मात्र 39 किलोग्राम (86 पाउंड) है। यह वजन भारत में चलने वाली सबसे हलकी मोटरसाइकिल से भी कम है। कंपनी का दावा है कि ये बाइक 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकती है और इसमें ऑटोमेटिक होवर करने वाला कस्टम फ्लाइट कंप्यूटर लगा है।
पिछले कुछ वर्षों में टेक्नोलॉजी ने इतनी तेजी से तरक्की की है कि जो चीजें कभी सिर्फ साइंस फिक्शन फिल्मों तक सीमित जो अब धीरे-धीरे हकीकत का रूप ले रही हैं। फ्लाइंग कार और एयरबाइक जैसे कॉन्सेप्ट अब रियलिटी की ओर बढ़ रहे हैं। दुनिया भर में कई बड़ी टेक कंपनियां और स्टार्टअप्स पर्सनल एयर मोबिलिटी (PAM) पर काम कर रहे हैं। इनमें से कुछ प्रोटोटाइप उड़ भी चुके हैं और ट्रायल स्टेज में हैं।
हालांकि, इन वाहनों को रोजमर्रा की जिंदगी में आम लोगों के लिए उपलब्ध होने में अभी समय लगेगा। इसके पीछे मुख्य कारण सेफ्टी स्टैंडर्ड्स, टेक्नोलॉजी की लागत, इंफ्रास्ट्रक्चर और सरकारी मंजूरी की प्रक्रिया है।
भारत जैसे विकासशील और घनी आबादी वाले देश में फ्लाइंग व्हीकल्स के कॉन्सेप्ट को अपनाना एक बड़ी चुनौती हो सकती है। सबसे पहली दिक्कत एयरस्पेस नियम और सुरक्षा मंजूरी है। भारत में एयर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम पहले से ही व्यस्त रहता है ऐसे में पर्सनल फ्लाइंग व्हीकल्स के लिए नई व्यवस्था बनानी होगी। इसके अलावा उड़ने वाले वाहनों के लिए टेक्निकल इंफ्रास्ट्रक्चर (जैसे वर्टिकल टेकऑफ एरिया, चार्जिंग स्टेशन, डिजिटल ट्रैफिक मैपिंग आदि) भी अभी मौजूद नहीं है।
हालांकि, भारत में इसकी काफी संभावनाएं जैसे बढ़ता शहरीकरण, लंबा ट्रैफिक समय, और तेजी से बढ़ती टेक्नोलॉजी अपनाने की क्षमता हैं। अगर सरकार और प्राइवेट कंपनियां मिलकर पॉलिसी, रिसर्च और पायलट प्रोजेक्ट्स पर ध्यान दें, तो आने वाले दशक में भारत भी इस क्रांति का हिस्सा बन सकता है।
ट्रैफिक जाम से छुटकारा - सड़क पर जाम में घंटों फंसने से निजात मिल सकती है।
तेज सफर - पारंपरिक गाड़ियों की तुलना में फ्लाइंग व्हीकल्स कम समय में ज्यादा दूरी तय कर सकते हैं।
शहरी ट्रांसपोर्ट में बदलाव - बड़ी कंपनियां एयर टैक्सियों पर काम कर रही हैं जिससे भविष्य में फ्लाइंग कारें और बाइक्स आम हो सकती हैं।
पर्यावरण को फायदा - अगर ये उड़ने वाले वाहन इलेक्ट्रिक या सस्टेनेबल फ्यूल पर चलें तो प्रदूषण भी कम होगा।
इमरजेंसी में उपयोग - एंबुलेंस और रेस्क्यू मिशन के लिए ये टेक्नोलॉजी बेहद कारगर साबित हो सकती है।
Volonaut Airbike अभी एक कॉन्सेप्ट प्रोजेक्ट है। इसकी कीमत बिक्री की तारीख या सरकारी मंजूरी को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई है। खासकर भारत जैसे देशों में जहां एयर ट्रैफिक नियम काफी सख्त हैं ऐसे व्हीकल्स का चलन शुरू होने में समय लग सकता है। फिर भी जिस तरह पर्सनल एयर मोबिलिटी की ओर लोगों का रुझान बढ़ रहा है Volonaut Airbike आने वाले समय में शहरी ट्रांसपोर्ट की तस्वीर बदल सकती है।
Published on:
08 May 2025 07:58 pm
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