
राम नगरी में 21000 लीटर सरसों के तेल से रोशन हुए 5,51,000 दीप, बनाया विश्व रिकार्ड
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अयोध्या. रामनगरी अयोध्या में दीपोत्सव का नया रिकॉर्ड बन गया। छोटी दीपावली पर अयोध्या का हर कोना जगजग हो उठा। जैसे ही सूर्य भगवान अस्तांचल की ओर चले वैसे ही सरयू तट से लेकर अयोध्या के अनेक मंदिरों और घरों की चौखट पर असंख्य दीप एक साथ जल उठे। शनिवार को तीसरे दीपोत्सव के अवसर पर समूची अयोध्या और सरयू के सभी घाटों पर जब एक साथ पांच लाख 51 हजार दीये जले तब मानों ऐसा लगा जैसे आसमान से असंख्य दीप धरती पर उतर आए। लाखों दीपों से जगमग अयोध्या की छटां देखते ही बनती थी। दीपोत्सव ने अपने खुद के रिकार्ड को ही तोड़ दिया। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या के विकास के लिए 226 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इस भव्य कार्यक्रम की गवाह बनीं राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी मंत्रिमंडल के अनेक सदस्यों के साथ देश-दुनिया से पधारे गण्यमान्य अतिथि। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि थीं फिजी गणराज्य की उपसभापति एवं सांसद वीना भटनागर।
7 देशों की रामलीला बनी आकर्षण का केंद्र
शनिवार को दीपोत्सव से पहले साकेत महाविद्यालय से भगवान राम की लीला पर आधारित 11 झांकियां निकाली गईं। रामकथा पार्क तक निकलने वाली इस झांकियों में देश के अलग-अलग राज्यों के लोकनृत्य का भी प्रदर्शन किया गया। शोभायात्रा को फिजी गणराज्य की स्पीकर वीणा भटनागर ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इसके पहले सात देशों की रामलीलाओं का भी मंचन किया गया। रामकथा पार्क में भगवान राम व माता जानकी का हेलीकाप्टर से आगमन हुआ। केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल समेत सभी अतिथियों ने इनका स्वागत किया। प्रतीकात्मक अवतरण के बादभरत मिलाप हुआ। राज्य सरकार ने इस बार दीपोत्सव कार्यक्रम को राज्य मेला घोषित किया है। इसलिए सरकारी अफसरों की भी भरपूर मौजूदगी दिखी।
जुटे 6 हजार छात्र-छात्राएं
राम नगरी अयोध्या के दीपोत्सव में अवध विश्वविद्यालय के तकरीबन 6 हजार छात्र-छात्राएं और शिक्षकों के अलावा 6 हजार से अधिक वॉलंटियर भी शामिल हुए। पूरे शहर के प्रमुख चौराहों और मंदिरों की दीवारों पर भगवान राम के पूरे परिवार की विभिन्न आकृतियां बनायी गयीं। राम दरबार पर दीप सजाकर अलग प्रकाश बिखेरा गया। यह अब तक का सबसे अनूठा कार्यक्रम रहा। रिकार्ड बनाने के लिए प्रत्येक दिए को कम से कम पांच मिनट जलना जरूरी था। इसलिए वॉलिंटयर तेल डालने में जुटे रहे।
किस घाट पर जले कितने दीये
लक्ष्मण घाट- 48,000
वैदेही घाट-22,000
श्रीराम घाट-30,000
दशरथ घाट- 39,000
भरत घाट-17,000,
शत्रुघ्न घाट- 17,000
उमा-नागेश्वर-मांडवी घाट- 52,000
सुतकीर्ति घाट- 40,000
कैकेई घाट- 40,000
सुमित्रा घाट- 40,000
कौशल्या घाट- 40,000
उर्मिला घाट- 40,000
दीपोत्सव के दीयों को जलाने के लिए 21000 लीटर सरसों के तेल का इस्तेमाल किया गया। हर दिए में 40 बार तेल डाला गया। कार्यक्रम में कुल 135 करोड़ रुपए का खर्च हुए। तेल को फैजाबाद व आस-पास के जिलों से जुटाया गया। वहीं, दीयों को जलाने के लिए पांच लाख 51 हजार रुई की बत्ती लखनऊ से मंगवाई गई।
Published on:
27 Oct 2019 08:41 am
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