498 साल बाद सावन माह में 21 किलो चांदी के हिंडोले पर झूलने के बाद अब भगवान रामलला को खेलने के लिए चंादी के खिलौने बन रहे हैं। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने खिलौने बनाने की जिम्मेदारी दिल्ली की एक फर्म को सौंपी है। यह फर्म भगवान के लिए हाथी-घोड़े, लट्टू-चट्टू आदि ऐतिहासिक खिलौने बना रही है। ट्रस्ट का कहना है कि चूंकि रामलला परिसर में भगवान अपने भाइयों के साथ बालरूप में ही विराजमान हैं इसलिए बाल विग्रह को खेलने के लिए खिलौनों की जरूरत है।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय का कहना है कि श्रद्धालुओं को भव्य मंदिर में भगवान के दर्शन 2023 से पहले करा दिए जाएंगे। जहां गर्भगृह बनने वाला है वहां भगवान की स्थापना और श्रद्धालुओं का दर्शन करना शुरू हो जाएगा। 2025 खत्म होते-होते संपूर्ण 70 एकड़ परिसर पूरी तरह से विकसित हो जाएगा।