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Milkipur By-Election 2025: सांसद पुत्र अजित बनेंगे विधायक या भाजपा लेगी हार का बदला, विस्तार से जानें क्या है मिल्कीपुर का पूरा मामला ? 

Milkipur by-Election: मिल्कीपुर का चुनावी बिगुल बज चुका है। सपा ने अपने प्रत्याशी की घोषणा कर दी है। ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे विधायक बनते हैं या भाजपा अपने हार का बदला लेती है ? आखिर क्यों अन्य नौ सीटों के साथ नहीं हुआ मिल्कीपुर का चुनाव ? आइये विस्तार से जानते हैं दास्तां-ए-मिल्कीपुर…

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Milkipur 2025 Election: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में स्थित मिल्कीपुर राजनीति का केंद्र बन जायेगा शायद ये किसी को पता नहीं था। 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा प्रत्याशी अवधेश प्रसाद के जीतने के बाद मिल्कीपुर ने राजनीतिक गलियारे में अपना पांव जमाना शुरू कर दिया था। साल 2024 के आम चुनाव में जब अवधेश प्रसाद सांसद बने तो ये सीट खाली हो गई और मिल्कीपुर ने प्रदेश ही नहीं पुरे देश में सुर्खियां बटोरी।

2022 में क्या हुआ ?

आम चुनाव में उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटें खाली हो गई। इनमें से मिल्कीपुर एक थी। सभी नौ सीटों पर चुनाव हुआ, लेकिन मिल्कीपुर में चुनाव की घोषणा नहीं हुई। दरअसल,साल 2022 के विधानसभा चुनाव में मिल्कीपुर से भाजपा ने सपा के अवधेश प्रसाद के खिलाफ मिल्कीपुर में गोरखनाथ को चुनावी मैदान में उतरा था। भाजपा प्रत्याशी गोरखनाथ 13,000 से अधिक वोटों से हार गए। इसके बाद उन्होंने सपा प्रत्याशी अवधेश प्रसाद पर चुनाव प्रक्रिया में गलत हलफनामा दाखिल करने और नोटरी के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया और हाईकोर्ट की लखन‌ऊ बेंच में याचिका दायर की।

मिल्कीपुर सीट पर नहीं हुआ चुनाव

इसी बीच आम चुनाव हुआ। समाजवादी पार्टी ने अयोध्या के फैजाबाद सीट से अवधेश प्रसाद को आम चुनाव में उतारा। अवधेश प्रसाद लोकसभा चुनाव जीते और सांसद बन गए, जिसके बाद मिल्कीपुर सीट खाली हो गई। 15 अक्टूबर को जब चुनाव आयोग ने उपचुनाव की घोषणा की तो उसमें मिल्कीपुर का नाम नहीं था। उत्तर प्रदेश के नौ विधानसभा सीटों पर ही चुनाव हुए, जिसमें से समाजवादी पार्टी सीसामऊ और करहल दो सीटों पर चुनाव जीती। मीरपुर से राष्ट्रीय लोकतांत्रिक दल (रालोद) और अन्य 6 सीटों पर भाजपा ने परचम लहराया।

क्यों एक साथ नहीं हुआ चुनाव ?

भाजपा प्रत्याशी गोरखनाथ की साल 2022 वाली याचिका हाईकोर्ट में लंबित पड़ी थी इसलिए मिल्कीपुर में उपचुनाव की घोषणा नहीं की गई थी। 18 अक्टूबर 2024 को बाबा गोरखनाथ ने हाईकोर्ट में अब केस नहीं लड़ने की अर्जी लगाई। उन्होंने कहा कि कहा कि सपा विधायक अवधेश प्रसाद के इस्तीफे के बाद याचिका का औचित्य समाप्त हो गया है। 

चुनाव आयोग ने की घोषणा 

चुनाव आयोग ने मंगलवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव के साथ उत्तर प्रदेश के मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव की तारीख का ऐलान कर दिया। मिल्कीपुर सीट पर मतदान 5 फरवरी 2025 को, जबकि मतगणना 8 फरवरी 2025 को होगी।

यह भी पढ़ें: 5 फरवरी को मिल्कीपुर उपचुनाव, 8 को मतणना, क्या योगी ले पाएंगे अयोध्या की हार का बदला? जानें योगी का ‘मिशन मिल्कीपुर’

क्या है सपा की योजना ?

सपा मिल्कीपुर से फैजाबाद सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजित प्रसाद के नाम की घोषणा कर चुकी है। मिल्कीपुर विधानसभा सीट एक सुरक्षित सीट है। सुरक्षित सीट होने की वजह से यहां पिछड़ी जातियां निर्णायक भूमिका निभाएंगी। अवधेश प्रसाद सिंह खुद बेटे अजित प्रसाद की जीत के लिए रणनीति बना रहे हैं। 

कौन हैं भाजपा के चेहरे ? 

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद मिल्कीपुर विधानसभा सीट के उपचुनाव पर समीकरण तैयार कर रहे हैं। सूर्य प्रताप शाही को मिल्कीपुर का प्रभारी मंत्री बनाया गया है। इनके अलावा सीएम योगी के करीबी मंत्रियों में से एक स्वतंत्र देव सिंह और जेपीएस राठौर जमीन पर वोटरों को साधने में जुटे हुए हैं। 

अवधेश प्रसाद ने किया जीत का दावा 

अयोध्या संसद अवधेश प्रसाद सिंह ने कहा कि मिल्कीपुर की जीत बिल्कुल सुनिश्चित है। वहां के मतदाता पूरी तरह से तैयार बैठे थे और चुनाव का इंतजार कर रहे थे। कब चुनाव का घोषणा हो। मिल्कीपुर की जनता पूरी तरह से तैयार बैठी है हमारे बेटे अजीत प्रसाद को जीताने के लिए तैयार बैठे हैं।

कांग्रेस ने क्या कहा ? 

दिल्ली चुनाव और यूपी की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव की तारीखों के ऐलान पर यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि कांग्रेस पार्टी दिल्ली में पूरी ताकत से चुनाव लड़ रही है और हम वहां जीतेंगे और सरकार बनाएंगे। मिल्कीपुर में हम हमारी सहयोगी समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार को पूरा समर्थन देंगे।

भाजपा ने क्या कहा ? 

मिल्कीपुर उपचुनाव 2025 पर अयोध्या के मेयर गिरीश पति त्रिपाठी ने कहा कि हम मिल्कीपुर उपचुनाव का इंतजार कर रहे थे। यह अयोध्या में लोकसभा चुनावों की गलतियों को सुधारने का एक अवसर है। लोग भी भाजपा का समर्थन करने और सही संदेश भेजने का इंतजार कर रहे हैं। मिल्कीपुर उपचुनाव के माध्यम से चुनाव का एजेंडा अयोध्या का विकास और रोजगार के अवसर होंगे। विपक्ष ने केवल अपने परिवारों के लिए काम किया और मिल्कीपुर के लिए कुछ नहीं किया।

क्या है मिल्कीपुर का जातीय समीकरण ? 

मिल्कीपुर विधानसभा सीट एक पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित सीट है। यहां की जनसांख्यिकी पर नजर डालें तो यादव समुदाय के वोटर सबसे अधिक हैं, जिनकी आबादी 65 हजार है। इसके बाद पासी समुदाय की संख्या 60 हजार है। मुस्लिम समुदाय के लोगों की संख्या 35 हजार है। ब्राह्मणों की जनसंख्या 50 हजार और ठाकुर समुदाय के लोग 25 हजार की संख्या में हैं। मिल्कीपुर में गैर-पासी दलितों की आबादी 50 हजार है, जबकि चौरसिया समुदाय के लोग 15 हजार और वैश्य समुदाय के 12 हजार लोग हैं।

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क्या हो सकते हैं प्लस और माइनस 

सपा अपने यादव, मुस्लिम, पासी और गैर पासी वोट बैंक को साधने में जुटी हुई है। भाजपा के प्रभारी मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और जेपीएस राठौर ब्राह्मण, ठाकुर, चौरसिया और वैश्य वोटरों को साधने में जुटे हुए हैं। ऐसे में सपा चौरसिया वोटरों को टारगेट कर ले तो मामला एक तरफा हो सकता है।