
Ayodhya Ram Mandir Pran Pratishtha: अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। आज प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान का छठा दिन है। कल यानी सातवें दिन रामलला के आंखों की पट्टी खोली जाएगी। रामलला की मूर्ति का 114 कलशों के विविध औषधियुक्त जल से स्नपन, महापूजा, उत्सवमूर्ति की प्रासाद परिक्रमा, शय्याधिवास, तत्लन्यास, महान्यास आदिन्यास, शान्तिक-पौष्टिक-अघोर होम, व्याहति होम, रात्रि जागरण, पूजन और आरती होगी।
ऐसे में लोगों के मन में प्राण प्रतिष्ठा से जुड़े ऐसे कई सवाल हैं, जिनका जवाब हर कोई जानना चाहेगा। आइए ऐसे ही 5 जरूरी सवालों के बारे में जानते हैं।
रामलला की क्यों ढकी गई हैं आंखें?
शरीर का ऊर्जा और तेज का केंद्र आंखें होती हैं। भगवान राम के मंदिर में मंत्रोच्चारण का आयोजन हो रहा है। मंत्रों के प्रवाह से प्रतिमा में देवता का आवास स्थापित हो जाता है। देव की ऊर्जा आंखों से बहने लगती है, लेकिन धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, महाआरती से पहले प्रतिमा की आंखें खुली रहने से धार्मिक अनुष्ठान में समस्या हो सकती है और प्राण प्रतिष्ठा पूर्ण नहीं हो सकती। इसलिए, महाआरती के बाद, विशेष मंत्रों का उच्चारण किया जाएगा और फिर आंखों की पट्टी खोली जाएगी, जिससे देव की ऊर्जा आंखों से पूरी प्रतिमा में प्रवेश करेगी।
रामलला को आईना क्यों दिखाया जाएगा?
जब रामलला की आंखों की पट्टी खुलेगी, तो उनकी आंखों में मौजूद तेज, ऊर्जा, और तरंगें इतनी उच्च होंगीं कि उनकी आंखों को इस ऊर्जा को सहने के लिए एक आईना पहनाया जाएगा। इस ऊर्जा और तरंगों को देखने का क्षमता केवल देव को होगा और इस ताप को सहने का क्षमता भी किसी अन्य को नहीं होगा। इसी संदर्भ में, यदि इस समय दर्पण टूट जाए, तो माना जाएगा कि प्रतिमा में देवता का आवास हो गया है।
रामलला की मूर्ति का रंग काला क्यों?
प्रतिमा में रामलला एकमात्र हैं, क्योंकि अयोध्या में राम जन्मभूमि पर उनके बाल स्वरूप की पूजा की जाती है, इसलिए प्रतिमा भी उनके बाल स्वरूप की है और वे प्रतिमा में एकमात्र रूप में प्रतिष्ठित हैं। विपरीत रूप से, वाल्मीकि रचित रामायण में रामलला का श्यामल रंग का वर्णन है, इसलिए प्रतिमा काले रंग के पत्थर से निर्मित है।
राममला की आंखों में क्यों लगाया जाएगा सूरमा?
22 जनवरी को गर्भगृह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रामलला की आंखों में सूरमा भी डालेंगे, लेकिन सूरमा क्यों डाला जाएगा? दरअसल आयुर्वेद में आंखों की रोशनी के लिए सूरमा को अनिवार्य बताया गया है। जैसे बच्चों को नजर लगने से बचाने के लिए मां काला टीका लगाती है। आंखों में सूरमा डालती है। उसी तरह रामलला को भी नजर लगने से बचाने के लिए आंखों में सूरमा डाला जाएगा। वैसे परपंरा देव की आंखों में सूरमा डालने की रही है।
प्राण प्रतिष्ठा में क्यों पत्थर की प्रतिमा में क्यों?
मूर्तियां पत्थर की निर्मित की जाती हैं, लेकिन पत्थर की मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा का आधार क्या है? कैसे पत्थर में जीवन शक्ति आती है? धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, पत्थर की मूर्ति को दृश्य के रूप में देखा जा सकता है, लेकिन उसे पूजा नहीं जा सकता है, इसलिए मंत्रों के उच्चारण के माध्यम से प्रतिमा में प्राण शक्ति को आवाहन किया जाता है। प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद, प्रतिमा पूजन के लिए योग्य हो जाती है। इस प्रकार, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन हो रहा है।
Published on:
21 Jan 2024 11:41 am
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