
ट्रस्ट के सदस्यों का सुझाव है कि अयोध्या को विश्व की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में विकसित किया जाये
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
अयोध्या. रामनगरी को नया धार्मिक शहर बनाने की कवायद शुरू हो गई है। इसके तहत मंदिर की तरह ही शहर की इमारतों का निर्माण किया जाएगा। शहर की इमारतें मंदिर के प्रभाव को कम न कर सकें, इस बाबत जिला प्रशासन के आला अफसर कमिश्नर और जिलाधिकारी के साथ लगातार मीटिंग कर रहे हैं। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरी ने बताया कि मंदिर और शहर के पुराने मंदिर व इमारतें मंदिर के प्रारूप की तरह दिखें ऐसा प्रस्ताव जिला प्रशासन को दिया गया है, ताकि पूरा शहर मंदिर की तरह ही नजर आए। गोविंद देव गिरी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि अयोध्या शहर को वैदिक सिटी के रूप में विकसित किया जाये। वहीं, ट्रस्ट के सदस्यों का सुझाव है कि अयोध्या को विश्व की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में विकसित किया जाये। उधर, अयोध्या डेवलपमेंट अथॉरिटी ने एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट का ग्लोबल टेंडर जारी किया है। अब जल्द ही कोई बड़ी अंतरराष्ट्रीय कंपनी या संस्था अयोध्या शहर को बसाती दिखेगी।
अयोध्या डेवलपमेंट अथॉरिटी ने जो ग्लोबल टेंडर निकाला है, उसके तहत 22 जनवरी तक ऑनलाइन टेंडर डाला जा सकेगा। टेंडर के लिए वही संस्था प्रतिभाग कर सकेगी, जिसने कम से कम एक प्रोजेक्ट विदेश में पूरा किया हो और अब उनका पूरा सेटअप भारत में हो। सिलेक्टेड कंपनी अयोध्या के विकास का प्रारूप तैयार करेगी। जानकारी के मुताबिक, टेंडर में चयनित कंपनी अयोध्या के विकास के दो मॉडल तैयार करेगी। पहले मॉडले में 35 वर्ग किमी में रामनगरी के विकास का खाका होगा। दूसरे में 195 वर्ग किमी के दायरे में शामिल 84 कोस के धार्मिक स्थलों को विकसित करने की रूपरेखा तय होगी। इसमें ट्रैफिक प्लान भी शामिल होगा।
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Published on:
15 Dec 2020 04:42 pm
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