
Ram Navami 2025: रामनवमी के पावन अवसर पर अयोध्या में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है। इस विशेष अवसर पर रामलला के दर्शन का समय बढ़ाने की तैयारी की जा रही है ताकि अधिक से अधिक भक्त भगवान श्रीराम के दर्शन कर सकें। अनुमान के अनुसार, रामनवमी के दिन मंदिर सुबह 5 बजे से रात 11 बजे तक खुला रहेगा, जिससे रामलला पूरे 18 घंटे तक भक्तों को दर्शन देंगे। हालांकि, श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन प्रशासन और मंदिर ट्रस्ट इस दिशा में व्यापक तैयारियां कर रहे हैं।
रामनवमी मेले के अंतिम तीन दिनों, 4, 5 और 6 अप्रैल, को अयोध्या में भक्तों की अभूतपूर्व भीड़ उमड़ने की संभावना है। इस दौरान मंदिर में दर्शन की अवधि बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है, ताकि 20 लाख से अधिक श्रद्धालु सुगमता से रामलला के दर्शन कर सकें। भक्तों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए मंदिर प्रशासन अस्थाई कैनोपी लगा रहा है और रामजन्मभूमि पथ पर लाल कारपेट बिछाने की भी तैयारी हो रही है। इसके अलावा, श्रद्धालुओं के लिए 200 स्थानों पर पेयजल की व्यवस्था की जा रही है ताकि उन्हें कोई असुविधा न हो।
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने रामनवमी पर हो रहे कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि प्रभु श्रीराम के ललाट पर सूर्य अभिषेक की तैयारी जोरों पर है और इस कार्य को विशेषज्ञों की एक टीम अंजाम दे रही है। इस भव्य आयोजन का प्रसारण पूरी दुनिया में किया जाएगा ताकि श्रीराम के भक्त इस पावन क्षण का आनंद ले सकें।
अयोध्या में भक्तिपथ पर आने वाले श्रद्धालुओं को अधिक सुविधा देने के लिए 600 मीटर लंबे भक्तिपथ पर अस्थायी शेड लगाया गया है। इस मार्ग से भक्त हनुमानगढ़ी और कनक भवन के दर्शन के लिए जाते हैं जहां अत्यधिक भीड़ उमड़ती है। सामान्य दिनों में रोजाना 70,000 से 80,000 श्रद्धालु दर्शन करते हैं लेकिन मुख्य पर्व पर यह संख्या कई गुना बढ़ सकती है। इसके चलते तेज धूप से बचाने के लिए शेड लगाए गए हैं और पेयजल की अतिरिक्त व्यवस्था की जा रही है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए एंबुलेंस सेवाएं भी तैनात की जाएंगी।
राममंदिर के अलावा, परकोटे में बन रहे छह अन्य मंदिरों – भगवान सूर्य, हनुमान, गणेश, माता जगदंबा, शंकर और माता अन्नपूर्णा तथा सप्तमंडप के महर्षि वाल्मीकि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य, निषादराज, अहिल्या और शबरी के मंदिरों के शिखरों पर कलश स्थापित किए जाएंगे। इसके अलावा, संत तुलसीदास और शेषावतार मंदिर के कलशों का पूजन पहले ही संपन्न हो चुका है। अब विशेष मुहूर्त में इन कलशों की स्थापना की जाएगी।
Updated on:
04 Apr 2025 06:54 pm
Published on:
02 Apr 2025 07:53 pm
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