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अयोध्या विवाद में फैसले की आहट, चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात, खुफिया एंजेंसियों ने भी डेरा डाला

locationअयोध्याPublished: Oct 30, 2019 03:55:17 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

अयोध्या विवाद पर संभावित फैसले के मद्देनजर अलर्ट पर पुलिस, आईबी ने भी डेरा डाला, चेकिंग अभियान तेज

ayodhya case decision

आने-जाने वालों की सघनता से चेकिंग की जा रही है। पुलिस रोजाना तड़के सुबह गश्त भी रही है।

अयोध्या. राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के संभावित फैसले को देखते हुए देश की खुफिया और सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं। यूपी पुलिस को भी अतिरिक्त सुरक्षा बरतने के निर्देश दिये गये हैं। कुछ आतंकी संगठनों के सक्रिय होने की जानकारी खुफिया एजेंसी को मिलने के बाद आइबी यूपी के सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों की सुरक्षा का नए सिरे से आंकलन कर रही है। आइबी की टीमों ने अयोध्या, वाराणसी व मथुरा में डेरा डाला हुआ है। राज्य सरकार ने भी स्टेट इंटेलिजेंस, एटीएस व एसटीएफ को सतर्क रहने के साथ प्रमुख धार्मिक व संवेदनशील स्थलों पर चौकसी रखने को कहा गया है।
अयोध्या जिला प्रशासन ने रामनगरी में 10 दिसंबर तक धारा 144 लगाई है। शहर में बड़ी संख्या में पुलिस-पीएसी तैनात है। यहां आने-जाने वालों की सघनता से चेकिंग की जा रही है। पुलिस रोजाना तड़के सुबह गश्त भी रही है। रामनगरी से लगे जिलों की सीमाओं पर पहरा कड़ा कर दिया गया है। अयोध्या और आसपास के सभी जिलों के प्राथमिक स्कूलों के एक कमरे को सुरक्षाबलों के लिए पहले ही रिजर्व रखा गया है, ताकि रामनगरी में किसी भी तरह की गड़बड़ी होने पर लोगों को उनके इलाके में ही रोका जा सके। अयोध्या में कहीं विवादित पोस्टर व बैनर न लगने पायें, इस पर भी यूपी पुलिस की पैनी नजर है। उधर, राज्य सरकार ने बीते दिनों सभी पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की छुट्टियां 30 नवंबर तक के लिए रद्द कर दी हैं।
कमलेश तिवारी हत्याकांड के सुरक्षा एजेंसियां सतर्क
लखनऊ में हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या में आतंकी संगठनों की विचारधारा से प्रेरित कट्टरपंथी युवकों के समूह के सदस्यों के नाम सामने आने के बाद खुफिया व सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं। इसके बाद अयोध्या के संतों की भी सुरक्षा-व्यवस्था मजबूत कर दी गई है। राम जन्मभूमि न्यास अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास, महंत कमल नयन दास व रामजन्मभूमि पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास के साथ लगभग एक दर्जन से अधिक संतों की सुरक्षा में जवान तैनात किये गये हैं। सघन तलाशी के बाद ही मंदिरों में किसी को संतों से मिलने दिया जा रहा है। इसके साथ ही अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं को बिना आइडी प्रूफ के किसी भी मंदिर में जाने नहीं दिया जा रहा है।

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