भगवान राम की प्रतिमा का विरोध अयोध्या में भगवान राम की विशालकाय प्रतिमा स्थापित करने की योगी सरकार की योजना को विवादित स्थल में स्थापित रामलला मंदिर के पुजारी महंत सत्येंद्र दास का भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। महंत सत्येंद्र दास ने दो टूक शब्दों में कहा कि राजनीतिज्ञों की मूर्तियों की क्या दुर्दशा होती है, उसे हम सभी जानते हैं। ऐसा न हो कि भगवान राम की भी प्रतिमा को भी उन्हीं परिस्थितियों का सामना करना पड़े।
खुले में मूर्ति स्वीकार नहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस बहु प्रचारित व्यवस्था को लेकर महंत दास का कहना है कि भगवान राम का स्थान मंदिर में है, किसी खुले स्थान में नहीं। उन्होंने कहा कि भगवान राम की प्रतिमा राजनीतिक प्रसार का माध्यम नहीं बनना चाहिए। पिछले 25 सालों से रामलला के पुजारी महंत सत्येंद्र दास का कहना है कि खुले में भगवान की मूर्ति किसी भी दशा में स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने सवाल उठाया कि खुले में कौन प्रतिमा का ध्यान रखेगा और रोज पूजा करेगा। राम मंदिर निर्माण को लेकर चल रही चर्चा पर महंत दास ने कहा कि अगर रामलला चाहेंगे तो ही अयोध्या में मंदिर निर्माण होगा। अगर नहीं चाहेंगे तो वह तिरपाल के नीचे ही वास करते रहेंगे। महंत ने कहा कि बाबरी मस्जिद ढहाने से मुस्लिमों से ज्यादा हिंदुओं को नुकसान हुआ है।
सरकार को करनी होगी देखभाल वहीं राम जन्मभूमि न्यास ने भी भगवान राम की प्रस्तावित प्रतिमा की उचित देखभाल की मांग उठाई की है। देशभर में राम मंदिर आंदोलन की अगुवाई करने वाले इस न्यास के प्रमुख महंत नृत्य गोपालदास का कहना है कि भगवान राम की प्रतिमा किसी दूसरी प्रतिमा की तरह नहीं है। सरकार को उसकी उचित देखभाल का प्रबंध करना पड़ेगा। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अयोध्या में भगवान राम की प्रतिमा निर्माण की परियोजना को हरी झंडी दे चुकी है। माना जा रहा है कि योगी आज अयोध्या में इस परियोजना का शिलान्यास भी कर सकते हैं।