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राम मंदिर की तरह लाल पत्थरों से चमकेगा ऐतिहासिक मणि पर्वत

अयोध्या में स्थित इस ऐतिहासिक मणिपर्वत का है विशेष महत्व पर्यटकों के लिए 45 लाख की योजना से किया जा रहा जीर्णोद्धार

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राम मंदिर की तरह लाल पत्थरों से चमकेगा ऐतिहासिक मणि पर्वत

राम मंदिर की तरह लाल पत्थरों से चमकेगा ऐतिहासिक मणि पर्वत

अयोध्या. लाल पत्थरों से राम मंदिर निर्माण के साथ ही वैष्णवनगरी अयोध्या की पौराणिकता का ख्याल रखा जा रहा है। यहां के मणिपर्वत का धार्मिक गौरव पुर्नस्थापित करने के लिए पुरातत्व विभाग इस पर 45 लाख खर्च कर रहा है। इसके तहत मणिपर्वत की नई सीढिय़ां बनाई जा रही हैं। इमारत को दुरुस्त करते हुए उसके फसाड यानी अग्रभाग को और भव्य बनाया जा रहा है। इसमें लाल पत्थरों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
राजा जनक ने भेजा मणियों का पर्वत

मणिपर्वत को भी त्रेतायुगीन माना जाता है। मणिपर्वत से जुड़े पंडित कौशल्यानंदन वर्धन बताते हैं कि मणिपर्वत का इतिहास रुद्रयामल और सत्योपाख्यान में वर्णित है। उसके मुताबिक भगवान राम जब शादी के लिए जनकपुर गए तब कैैकेई ने कनक भवन बनवाने का हठ किया। कैकेई ने यह महल जानकी को उपहार में दे दिया। और इंद्राणि से मिली मणि भगवान राम को दे दी। लेकिन राम सहित किसी भाई ने इसे धारण नहीं किया। बाद में यह मणि जानकी के चरणों में अर्पित कर दी गयी। मणि का जोड़ा न होने के कारण भगवान राम ने इसे ग्रहण नहीं किया था। बाद में जानकी के आशीर्वाद से जनकपुर में मणियों का अंबार लग गया। राजा जनक ने इसे पुत्री का धन मानते हुए अयोध्या भेज दिया था। यही मणियां अयोध्या के रामकोट के दक्षिण दिशा में रख दी गईं। जो एक योजन ऊंचे पहाड़ जैसी बन गयीं। यही मणिपर्वत है।

बदल रही ऐतिहासिक मणि पर्वत की तस्वीर

मणि पर्वत पर पहुंचे पर्यटको ने चल रहे इस जीर्णोद्धार कार्य को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सराहा और कहा कि अयोध्या का विकास धीरे-धीरे शुरू हो गया है। यह स्थान भी बहुत ही ऐतिहासिक है। आज इसके कार्य को देख कर बहुत प्रसन्नता मिल रही है कि जो वर्षों से सिर्फ राजनीति के कारण कोई विकास नही हो सका था। उसे योगी जी द्वारा सजाया जा रहा है। और अगली बार जब यहां देखने आऊंगा तो सब नया सा दिखेगा।