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न लाइट, न ठीक सड़क, अयोध्या के बैकुंठ धाम में अंधेरे में चिताएं जलाने को मजबूर हुए लोग

locationअयोध्याPublished: May 09, 2021 02:23:03 pm

Submitted by:

Karishma Lalwani

Ayodhya के बैकुंठ धाम में दिन-रात Covid Positive शवों का अंतिम संस्कार किया जाता है। एक दिन में 100 से ज्यादा शवों का अंतिम संस्कार होता है

न लाइट, न ठीक सड़क, अयोध्या के बैकुंठ धाम में अंधेरे में चिताएं जलाने को मजबूर हुए लोग

न लाइट, न ठीक सड़क, अयोध्या के बैकुंठ धाम में अंधेरे में चिताएं जलाने को मजबूर हुए लोग

अयोध्या. भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या अव्यवस्थाओं का ढेर बन गई है। यहां के बैकुंठ धाम में दिन-रात कोविड संक्रमित (Covid Positive) शवों का अंतिम संस्कार किया जाता है। एक दिन में 100 से ज्यादा शवों का अंतिम संस्कार होता है। लेकिन नगर निगम और जनप्रतिनिधियों की संवेदनहीनता ऐसी है कि यहां न तो लाइट का इंतजाम है और न ही सड़कों को सही किया गया है। बैकुंठ धाम में रात्रिकालीन अंधेरे में कोरोना संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। लोग अंधेरे में शवों का अंतिम संस्कार किए जाने को मजबूर हैं। खराब सड़कें और भीड़ की वजह से कई बार ठोकर भी लगती है लेकिन कोई भी जनप्रतिनिधि पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना दिखाने को तैयार नहीं है।
बैकुंठ धाम में अव्यवस्था

जिम्मेदार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के तरफ से लाईट की व्यवस्था नहीं किए जाने के कारण लोग मजबूर हो कर कोरोना संक्रमित शवों को रात के अंधेरे में बैकुंठ धाम में अंतिम संस्कार करने को मजबूर हैं। लोगों की मांग है कि अयोध्या नगर निगम और जनप्रतिनिधि संवेदनशील बने। कोरोना काल में बैकुंठ धाम में दिन-रात चिताएं जलती हैं। ऐसे में वहां पर लाइट की व्यवस्था की जानी चाहिए।
कोरोना से बिगड़ रही स्थिति

अयोध्या जनपद में कोरोना को लेकर स्थिति दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है। जिले में अब तक कुल संक्रमित केसों की संख्या 14 हजार 96 है, जबकि करीब 12 हजार लोग ठीक हो चुके हैं। एक्टिव केसों की संख्या 1902 है।
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