
भारत और दक्षिण कोरिया की साझा सांस्कृतिक विरासत की प्रतीक है डाक टिकट :- डाक निदेशक केके यादव
अयोध्या : दक्षिण कोरिया के साथ अयोध्या का सदियों पुराना भावनात्मक रिश्ता रहा है। इतिहास में इसके संकेत मिलते हैं कि श्रीराम की नगरी अयोध्या की एक राजकुमारी दक्षिण कोरिया की महारानी बनीं और लगभग 2 हजार साल पहले उन्होंने वहाँ राज किया। उनकी स्मृति में भारत और कोरिया के साझा प्रयास से निर्मित कोरिया की 'रानी हो' का डाक टिकट साझा संस्कृति का परिचायक है। ये बातें लखनऊ (मुख्यालय) परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएँ कृष्ण कुमार यादव ने कोरिया की 'रानी हो' पर जारी डाक टिकट अयोध्या के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय व अयोध्या राजपरिवार के मुखिया विमलेंद्र मोहन मिश्र को भेंट करते हुए व्यक्त किया । साथ ही डाक निदेशक कृष्ण कुमार यादव ने यह भी कहा कि भारत और द. कोरिया के मध्य डाक विभाग द्वारा जारी डाक टिकट सांस्कृतिक दूत का कार्य करेगा। इस डाक टिकट से रिश्तों की डोर में मजबूती वैश्विक फलक पर दूरगामी साबित होगी ।
भारत और द. कोरिया के मध्य डाक विभाग द्वारा जारी डाक टिकट करेगा संस्कृतिक दूत का कार्य- डाक निदेशक केके यादव
श्री यादव ने यह भी बताया कि कि मार्च माह में कोरिया की रानी हो पर विशेष आवरण अयोध्या में रामायण के डाक टिकटों को लगाकर और भी महत्वपूर्ण बनाया गया था जिसके खबर को कोरियाई अखबारों में प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था . जिसकी दर्जनों प्रतियां डाक विभाग को मुहैया भी कराया है । डाक टिकट और विशेष आवरण सदैव सांस्कृतिक राजदूत की भूमिका निभाते हैं, ऐसे में इस डाक टिकट एवं आवरण से पूरे विश्व में कोरिया व अयोध्या के सांस्कृतिक सम्बन्धों का प्रसार होगा। दुनिया भर के डाक टिकट संग्राहकों के लिए यह एक अमूल्य निधि की तरह है। श्री यादव ने डाक टिकट के बारे में बताया कि डाक टिकट पर अयोध्या की राजकुमारी एवं महारानी कोरिया की अलग अलग चित्र के साथ क्रमशः 25/- व 5/- रुपये का अलग अलग डाक टिकट बनाया गया जिसे फैजाबाद प्रधान डाकघर में उपलब्ध करा दिया गया है ।
महापौर अयोध्या और राजपरिवार को भेंट किया गया विशेष डाक टिकट
अयोध्या के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय ने राजकुमारी व कोरिया की महारानी हो का स्मरण करते हुए बताया कि इस विशेष डाक टिकट एवं आवरण से भारत-कोरिया के मधुर सम्बन्धों की आधारशिला रखी गई है। अयोध्या में स्मारक हमें राजकुमारी का स्मरण कराता रहा है और अब डाक विभाग द्वारा इस विशेष डाक टिकट के माध्यम आने वाली पीढ़ियों को दक्षिण कोरिया से रिश्ता कायम रखने में सार्थक साबित होगा । अयोध्या राजपरिवार के मुखिया श्री मिश्र ने खुशी व्यक्त करते हुए ने कहा कि डाक विभाग हमेशा अयोध्या से दक्षिण कोरिया के पुराने रिश्तों में प्रगाढ़ता लाने के लिए हमेशा प्रयासरत रहा है, इस डाक टिकट व विशेष आवरण के माध्यम से दोनों देशों के बीच पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा । इस दौरान साहित्यकार यतीन्द्र मोहन मिश्र, प्रवर अधीक्षक डाकघर जेबी दुर्गापाल, सहायक अधीक्षक उमेश कुमार मौजूद रहे ।
Published on:
25 Aug 2019 04:09 pm
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