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यादगार दिन होगा 5 अगस्त, 3D डिजायन पर हो रहा राममंदिर निर्माण का कार्य

-अष्टकोणीय होगा मंदिर (Ram Temple) का गर्भ गृह-सीता, लक्ष्मण, गणेश और हनुमान को समर्पित चार अन्य मंदिर भी बनेंगे-चंद्रकांत सोमपुरा ने कहा, भूल गया हूं पुराना डिजाइन

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Ram Temple 3D

Ram Temple 3D

पत्रिका न्यूज नेटवर्क.
अयोध्या. पांच अगस्त देश-दुनिया के लिए यादगार दिन साबित होने वाला है। इस दिन को लोग नए पर्व के रूप में मनाएंगे। राम मंदिर (Ram Temple) के शिलान्यास और भूमि पूजन (Ram Mandir bhoomi pujan) के साथ ही दुनिया के तीसरे सबसे बड़े मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया शुरू होगी। यह कहना है चंद्रकांत सोमपुरा (Chandrakant Sompura) का, जिन्होंने रामलला मंदिर का डिजाइन तैयार किया था। उनका कहना है अब मैं मंदिर के पुराने डिजाइन को भूल चुका हूं। वो नगरी शैली में बना था जिसमें गर्भगृह के उपर एक मंदिर का टॉवर था। अब बहुत बदलाव हो चुका है, इसलिए नए डिजाइन पर काम हो रहा है।

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नए डिजाइन में तीन गुबंद जोड़ा गया
चंद्रकांत सोमपुरा ने बताया कि 18 जुलाई को रामजन्मभूमि ट्रस्ट की बैठक में मंदिर के नए डिजाइन को अंतिम रूप दिया गया। अब अहमदाबाद ऑफिस में मंदिर के 3डी डिजाइन पर काम हो रहा है। नए डिजाइन में तीन गुबंद जोड़े गए हैं। एक सामने से और दो साइड से। स्तंभों की संख्या 160 से 366 हो गई है। मंदिर की सीढिय़ों की चौड़ाई 6 फीट से बढ़ाकर 16 फीट कर दी गई है। मंदिर की ऊंचाई 141 फीट से बढ़ाकर 161 फीट हो गयी है। मंदिर का गर्भ गृह अष्टकोणीय होगा। सीता, लक्ष्मण, गणेश और हनुमान और अन्य देवाताओं को समर्पित चार अन्य मंदिर परिसर का हिस्सा होंगे।

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16 पीढिय़ों से बना रहे हैं मंदिर
रामलला मंदिर की डिजाइन तैयार करने वाले शिल्पकार चंद्रकांत सोमपुरा का परिवार 16 पीढिय़ों से मंदिर बना रहा है। चंद्रकांत सोमपुरा के बाबा प्रभाशंकर सोमपुरा ने ही प्रभास पाटन में सोमनाथ मंदिर का निर्माण किया था। सोमपुरा परिवार के डिजाइन पर ही अक्षरधाम, सोमनाथ और अंबाजी मंदिर बने हैं। वर्ष 1987 में विहिप के तत्कालीन अध्यक्ष अशोक सिंघल के आग्रह पर चंद्रकांत सोमपुरा जब 47 वर्ष के थे तब उन्होंने रामलला के मंदिर के डिजाइन की हामी भरी थी।

सिर्फ कदमों से नाप ली जमीन-
चंद्रकांत सोमपुरा ने बताया कि वर्ष 1990 में वह अशोक सिंघल के साथ अयोध्या आए थे। तब विवादित जमीन एक सैन्य शिविर की तरह थी। जमीन नापने का उस वक्त कोई सामान नहीं था। दूसरे सख्त पहरा था इसलिए पैरों की गिनती से ही मंदिर का नाप ली गयी थी।

तीन से चार साल में तैयार हो जाएगा मंदिर-
चंद्रकांत ने बताया कि आशीष सोमपुरा मंदिर परियोजना की साइट को संभालते हैं और ट्रस्ट की बैठक में भी शामिल हुए थे। पांच अगस्त के कार्यक्रम में आशीष सोमपुरा भी रहेंगे। मूल डिजाइन में करीब तीन लाख क्यूबिक सैडस्टोन पत्थर का इस्तेमाल होना था, अब इसका दोगुना मटेरियल लगेगा। इस तरह राम मंदिर के निर्माण को पूरा होने में करीब साढ़े 3 साल का समय लगेगा। कोरोना संकट की वजह से यह समय करीब आठ माह और बढ़ सकता है। मंदिर के निर्माण की जिम्मेदारी लार्सन एंड टुब्रो ने संभाल ली है।

दूरदर्शन से होगा प्रसारण
5 अगस्त को प्रस्तावित राम मंदिर के भूमि पूजन का सीधा प्रसारण दूरदर्शन पर होगा। यह ऐतिहासिक क्षण होगा। विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने एक प्रेस बयान में कहा, कि प्रधानमंत्री 5 अगस्त को अयोध्या में होंगे और "श्रद्धेय संतों, विद्वानों, ट्रस्टियों और अन्य लोगों के साथ पूजा करेंगे। इस बीच यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपील की है कि देशवासी इस दिन अपने घरो में दीपक जलाएं। पुजारी सभी मंदिरों को देदीप्यमान करें। ताकि उल्लास का वातावरण बने।