
पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क
अयोध्या. अयोध्या में रामभूमि विवाद को लेकर लंबे समय तक कानूनी लड़ाई चली। जब मंदिर का निर्माण शुरू हुआ तो एक बार फिर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट भूमि कथा के विवाद में फंस गया है। जमीन खरीदी में अनियमितता के नित नए आरोप लग रहे हैं। ट्रस्ट हर रोज इन आरोपों को खारिज करते हुए सफाई दे रहा है। इस संबंध में रविवार को ट्रस्ट की वर्चुवल बैठक हुई। जिसमें सभी 15 सदस्य शामिल हुए। ट्रस्ट महासचिव चंपतराय ने इस पूरे प्रकरण की जानकारी दी। बताया गया कि मंदिर की परिकल्पना दोषपूर्ण थी। मंदिर का ईशानकोण धंसा हुआ था इसलिए परिसर का विस्तार करते हुए और जमीन खरीदी गयी।
ट्रस्ट की मंशा साफ
ट्रस्ट कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि ने बताया, ट्रस्ट पर लगे आरोप गलत हैं। ट्रस्ट की मंशा साफ है। जिसे संदेह है वह कागजों में दर्ज ब्योरे देख ले। राजनीतिक दुर्भावना के तहत आरोप मढ़े जा रहे हैं।
चुनाव को लेकर रामलला पर सॉफ्ट टारगेट
ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल ने कहा कि 2022 में यूपी में विधानसभा चुनाव हैं। इसलिए सभी विपक्षी पार्टियों की संयुक्त बैठक में भाजपा को घेरने की रणनीति बनी। यह आरोप इसी साजिश का हिस्सा है। उन्होंने कहा, जनवरी माह में ट्रस्ट की बैठक में वास्तुशास्त्रियों ने मंदिर की परिकल्पना दोषपूर्ण बतायी थी। परकोटा और खाली स्पेस की भी जरूरत थी। इसलिए और जमीन खरीदने का निर्णय हुआ। जिनकी जमीनें ली गयीं उन्हें अन्यत्र बसाने के लिए दूसरी भूमि खरीदी जा रही है।
बाग बगेसर की जमीन का ब्योरा वेबसाइट पर
ट्रस्ट ने विवादित बाग बगेसर की 1.2080 हेक्टेयर भूमि का ब्योरा अपनी बेवसाइट पर डाला है। बताया गया है कि जमीन की खरीदी मार्केट रेट से बहुत कम में हुई है। जमीन के एग्रीमेंट की प्रक्रिया 2011 से चल रही थी। ट्रस्ट तीन-चार प्लांट मंदिर व आश्रम की जमीन पहले भी खरीद चुका है। आगे भी खरीदी होगी। खरीद से जुड़े सभी रिकार्ड ऑनलाइन हैं।
Updated on:
20 Jun 2021 05:58 pm
Published on:
20 Jun 2021 05:56 pm
बड़ी खबरें
View Allअयोध्या
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
