
Ram Navami: अयोध्या में रामलाला का जन्मोत्सव भव्य तरीके से मनाया जा रहा है। रामनवमी को 12 बजे जब श्रीराम का जन्म होगा, उसके बाद सूर्य तिलक होगा। इस दौरान उनके माथे पर सूर्य की किरण पड़ेगी। भगवान राम का सूर्य अभिषेक विज्ञान के फॉर्मूले के तहत किया जाएगा।रामनवमी के दिन सूर्य की रोशनी मंदिर के तीसरे तल पर लगे पहले तर्पण पर पड़ेगी। यहां से परावर्तित होकर पीतल की पाइप में प्रवेश करेगी। पीतल के पाइप में लगे दूसरे दर्पण में टकराकर 90 डिग्री पर पुनः परावर्तित हो जाएंगी। फिर पीतल की पाइप से जाते हुए यह किरण तीन अलग-अलग लेंस से होकर गुजरेगी और लंबे पाइप के गर्भ गृह वाले सिरे पर लगे शिशे से टकराएंगीं। गर्भगृह में लगे शिशे से टकराने के बाद किरणें सीधे रामलला के मस्तिष्क पर 75 मिलीमीटर का गोलाकार तिलक लगाएंगी और निरंतर 4 मिनट तक प्रकाश मान होंगी।
प्राण-प्रतिष्ठा के बाद बुधवार को भव्य-नव्य मंदिर में पहली बार श्रीराम जन्मोत्सव मनाया जाएगा। इस बीच जन्मोत्सव में आने वाले भक्तों को देने के लिए प्रसाद की विशेष तैयारी है। धनिया की पंजीरी युक्त प्रसाद के दो लाख से अधिक पैकेट तैयार हैं।
रामलला के जन्मोत्सव में धनिया की पंजीरी का विशेष महत्व है। इसका भोग भी लगता है। भोग के बाद ही इसे वितरित किया जाएगा। लगभग 10 क्विंटल से अधिक पंजीरी बनाई गई है। बड़ी मात्रा में लड्डू और पेड़ा का भी वितरण होगा। पंजीरी के अलावा प्रसाद के पैकेट में पंचमेवा, रामदाना आदि भी होगा। प्रसाद की कुल मात्रा 40 क्विंटल होगी।
रामलला को छप्पन भोग लगाया जाएगा। पंचामृत भी तैयार किया जाएगा, जिसे प्रसाद के साथ भक्तों को वितरित किया जाएगा। दोपहर में राम जन्म के बाद प्रसाद बांटा जाएगा। ट्रस्टी अनिल कुमार मिश्र ने कहा कि राम जन्मोत्सव हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है।
कुछ दिन पहले से ही शाम को सोहर, भजन आदि की प्रस्तुतियां हो रही हैं। जिला प्रशासन व ट्रस्ट ने मिल कर उत्सव में शामिल होने के लिए आने वाले भक्तों को रामलला का सुगम दर्शन कराने की तैयारी की है। दर्शन सात लेनों से कराया जाएगा। एक अन्य व्यवस्थापक ने बताया कि भक्तों को कतार में पानी व प्रसाद दिए जाने की कोशिश की जाएगी।
आरएसएस के स्वयंसेवकों ने सेवा सत्कार का मोर्चा संभाल लिया है। नगरी के 20 से अधिक स्थानों पर पेयजल व चिकित्सा शिविर लगे है। स्वयंसेवक शिविर के सामने से गुजरने वाले भक्तों से पानी पीने का आग्रह करते हैं। मंगलवार को शिविर प्रारंभ हुए। दिनभर इन शिविरों में भीड़ रही। इसमें लगभग एक हजार स्वयंसेवक लगे हैं।
इंडिया टूडे ग्रुप की खबर के मुताबिक, मंदिर के अर्चक धनंजय पाठक ने बताया कि भव्य मंदिर में पहली बार राम का प्रतीकात्मक जन्म होगा, तो उसके बाद रामलला का सूर्यतिलक भी किया जाएगा। सेंट्रल बिल्डिंग रीसर्च इन्स्टिटूट (CBRI) रुड़की के वैज्ञानिकों के सहयोग से लगे उपकरण-दर्पण, लेंस और धातु की पाइप से ये किया जाएगा।
सूर्यतिलक देखने के लिए लोगों में उत्साह है। लोगों का कहना है कि ये अवसर विशेष है। दर्शनार्थियों का कहना है कि ये आध्यत्म और विज्ञान का संयोग है। सूर्याभिषेक को लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह है। राम नवमी लाखों रामभक्तों के यहां आने की उम्मीद है, यहां आने वाले रामभक्तों के लिए यात्री सुविधा केंद्र की शुरुआत की गई है।
Updated on:
16 Apr 2024 10:10 pm
Published on:
16 Apr 2024 09:50 pm
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