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महाराष्ट्र सीएम के दौरे से पहले अयोध्या पहुंचे संजय राउत, कहा- राजनीतिक ट्रस्ट बनता तो जरूर जगह मिलती

- 7 मार्च को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे मंत्रिमंडल के साथ करेंगे श्री रामलला का दर्शन - उद्धव ठाकरे के अयोध्या दौरे से पहले पहुंते शिवसेना सांसद संजय राउत, प्रशासनिक अधिकारियों से की मुलाकात  

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Sanjay Raut

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अयोध्या. राम मंदिर के पक्ष में फैसला आने व महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे अपने विधायक, सांसद व मंत्रिमंडल के साथ 7 मार्च को अयोध्या आएंगे व भगवान श्री राम के दर्शन करेंगे। इससे पूर्व तैयारी को लेकर शिवसेना सांसद संजय राउत ने गुरुवार शाम को अयोध्या का दौरा किया। साथ ही जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर कार्यक्रम की जानकारी दी। सात मार्च के दौरे में बड़ी संख्या में शिवसेना के कार्यकर्ता भी शामिल हो सकते हैं। इस दौरान उन्होंने राम मंदिर ट्रस्ट को लेकर कहा कि यह कोई राजनीतिक ट्रस्ट नहीं है, लेकिन यदि राजनीतिक ट्रस्ट बनता तो जरूर जगह मिलती।

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शिवसेना सांसद संजय राउत ने इस कार्यक्रम की जानकारी देते हुए कहा की उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बनने के बाद अयोध्या का यह पहला दौरा है। इसके पहले भी वह दो बार अयोध्या पहुंच चुके हैं। भगवान श्रीराम के आशीर्वाद से उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बनने का सौभाग्य मिला है इसलिए 7 मार्च को वह अयोध्या पहुंचेंगे। भगवान श्री रामलला के दर्शन करेंगे। उसके बाद सरयू आरती में भी शामिल होंगे। संयज ने आगे कहा कि यह कोई राजनीतिक हलचल मचाने की बात नहीं है। हम सभी श्रद्धा और आस्था से उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में यहां आते हैं और चले जाते हैं, लेकिन रामलला यहां बार-बार बुलाते हैं।

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उन्होंने बताया कि उनके साथ इस बार उनका मंत्रिमंडल, सभी सांसद व विधायक होंगे। इसके साथ ही हमने अन्य कार्यकर्ताओं को निमंत्रण नहीं दिया है, लेकिन जो आना चाहे वह जरूर आएंगे। उन्होंने कहा कि हमें अयोध्या की क्षमता मालूम है और यहां के प्रशासन के ऊपर कोई ज्यादा बोझ नहीं डालना चाहते। छोटा प्रशासन है, लेकिन यहां विश्व के लोगों का आना जाना रहता है, इसलिए हम कम से कम लोग आएंगे, जिसके बाद फिर लौट जाएंगे।

राजनीतिक ट्रस्ट बनता तो जरूर जगह मिलती-

संजय राउत ने कहा कि राम मंदिर आंदोलन में साधु-संतों के साथ शिवसेना भी शामिल थी। आज जितने भी हिंदूवादी लोग हैं वह सभी शामिल थे। इस आंदोलन में शिवसेना का बड़ा योगदान रहा है। वहीं ट्रस्ट को लेकर उन्होंने कहा कि यह कोई राजनीतिक ट्रस्ट नहीं है, लेकिन यदि राजनीतिक ट्रस्ट बनता तो जरूर जगह मिलती। ट्रस्ट का गठन सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर किया गया है, जिसमें एक भी राजनेता नहीं है। सभी साधु संत हैं और जो लोग प्रशासनिक हैं उन्हें मंदिर निर्माण के लिए वहां होना चाहिए। अगर यह राजनीतिक ट्रस्ट बनता तो बहुत ही कठिनाइयां आती, लेकिन वहां पर संतों का काम है और वही करेंगे। वहीं स्पष्ट करते हुए कहा कि अयोध्या दौरे से राजनीतिक चुनाव का कोई संबंध नहीं है।


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