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श्री रामलला को रक्षाबंधन बांधने अयोध्या आती है बहन शांता

राम जन्मभूमि परिसर में विराजमान भगवान श्री रामलला व लक्ष्मण, भरत, शत्रुहन को भी रक्षा बांधने की परंपरा का निर्वाह करते हैं पुजारी

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श्री रामलला को रक्षाबंधन बांधने अयोध्या आती है बहन शांता

श्री रामलला को रक्षाबंधन बांधने अयोध्या आती है बहन शांता

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
अयोध्या. रक्षाबंधन के पर्व पर बहन अपने भाइयों को रक्षा सूत्र बांधने की परंपरा है यही कारण है कि प्रत्येक वर्ष दर्जनों की संख्या में राम जन्मभूमि परिसर में विराजमान भगवान श्री रामलला को बहने रक्षाबंधन भेजती हैं और कामना करती हैं कि हमारी और हमारे परिवार की रक्षा श्री रामलला करेंगे लेकिन क्या जानते हैं कि भगवान श्री राम की भी एक बहन थी जो प्रत्येक वर्ष रक्षासूत्र बांधने के लिए अयोध्या आती है।

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रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि भगवान श्रीराम की एक बहन थी शांता जो चारों भाइयों को रक्षाबंधन बांधी थी यह परंपरा बहुत ही पुरानी है वही परंपरा आज भी चली आ रही है बहुत सी बहने ऐसी है जो भगवान श्रीराम को अपना भाई मानते हैं और रक्षाबंधन को भेजती हैं जिसे रामलला को बांध दिया जाता है वही बताया कि रक्षाबंधन की परंपरा बहुत ही पुरानी है भगवान श्री राम के अवतार से पहले बावन भगवान का अवतार हुआ था। जहां से इस परंपरा की शुरुआत हुई।

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पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि पुराणों में वर्णित है कि भगवान दशरथ की एक पुत्री शांता थी लेकिन उनके एक मित्र के संतान न होने के कारण अपनी पुत्री शांता को सौंप दिया था। जहां से शांता का विवाह श्रृंगीऋषि के साथ हुआ। जहां से प्रत्येक वर्ष अपने भाई राम लक्ष्मण भरत व शत्रुहन को रक्षासूत्र बांधने अयोध्या आती थी। आज भी इस परंपरा का निर्वाह किया जाता हैं। प्रत्येक वर्ष तमसा नदी के घाट स्थित श्रृंगीऋषि के आश्रम से रक्षाबंधन आता है। जिसे शांता के प्रतीकात्मक रूप में रक्षाबंधन को बांधा जाता है। वही कहा कि श्रृंगी ऋषि ही नहीं अब दर्जनों स्थानों से प्रत्येक वर्ष रक्षाबंधन रामलला को बांधने के लिए आते हैं जिसे विधि विधान पूर्वक पूजन अर्चन के बाद बांधा जाता है।