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अयोध्या के इस हनुमान मंदिर की अनोखी परंपरा, जहां सिर्फ बाटी चोखे का लगता है भोग

अयोध्या की सरयू तट स्थित बजरंगबली मंदिर में आने वाले को भी खिलाया जाता है बाटी चोखा प्रसाद, जिसके लिए घंटों इंतजार करते हैं भक्त

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अयोध्या के इस हनुमान मंदिर की अनोखी परंपरा, जहां सिर्फ बाटी चोखे का लगता है भोग

अयोध्या के इस हनुमान मंदिर की अनोखी परंपरा, जहां सिर्फ बाटी चोखे का लगता है भोग

सत्य प्रकाश
अयोध्या. राम नगरी अयोध्या में 8000 मंदिर है। और सभी मंदिरों की अपनी अलग परंपरा है। लेकिन अयोध्या के ही सरयू तट स्थित एक मंदिर जहां की अनोखी परंपरा है। इस मंदिर में भगवान को भोग लगाए जाने से लेकर भक्तोँ का प्रसाद बाटी चोखा दिया जाता है।

सरयू तट पर स्थित है बजरंगबली का मंदिर

अयोध्या में सरयू तट पर स्थित राजघाट जहां एक बजरंगबली का मंदिर है वहां पर प्रतिदिन बजरंगबली को बाटी और चोखा का भोग लगाया जाता है और प्रसाद के रूप में भक्तों को बाटी और चोखा दिया जाता है। जहां लगभग 5 वर्षों से इस मंदिर में ऐसी परंपरा शुरू हुई थी। और प्रत्येक मंगलवार को विशेष आयोजन में सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं को बाटी चोखा का प्रसाद खिलाया जाता है। प्रसाद को पानी की भी भक्त घंटों बैठकर इंतजार भी करते हैं।

बजरंगबली को भोग के बाद भक्तों को भी मिलता है प्रसाद

हनुमान मंदिर के पुजारी को भी बाटी बाबा के नाम से जाना जाता है बाटी बाबा बताते हैं किया परंपरा अयोध्या के लिए बहुत ही सात्विक है क्योंकि बाटी चोखा के इस प्रसाद में लहसुन प्याज का भी प्रयोग नहीं किया जाता है। ने बताया कि पहले हम बालू के घाटों पर रहे और जो भी भक्त आते थे हम उनको बाटी और चोखा खिलाते थे धीरे धीरे समय बीतता गया श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती गई। और अब जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण आप के सामने है।

भगवान के आशीर्वाद से शुरू हुई बाटी चोखे की परंपरा

महंत महेंद्र दास ने बताया कि बाटी चोखे के प्रोग्राम में कई वर्षों से लगातार आते रहे हैं। इसमें बजरंग बली बाबा का पूर्ण आशीर्वाद है ऐसे स्थान पर है सरयू तट पर उनकी कृपया हुई और महाराज जी द्वारा यहां पर बाटी चोखे का प्रावधान शुरू किया गया है। और बजरंगबली को भाटी चोखे का भोग लगता है सभी भक्त लोग प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं । कैसे बाटी चोखा तैयार होता है कैसे भोग लगाया जाता है यह सब प्रभु की कृपा है। महाराज जी के ऊपर हनुमान जी का विशेष रूप से आशीर्वाद है।