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अटल बिहारी वाजपेयी ने नरेन्द्र मोदी ही नहीं इन नेताओं को भी पढ़ाया था राष्ट्रधर्म का पाठ

पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी राजनीति और सत्ता के साथ राष्ट्रधर्म व राजधर्म पर देते थे जोर।

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Atal Bihari Vajpayee and Narendra Modi

अटल बिहारी वाजपेयी और नरेन्द्र मोदी

रणविजय सिंह
आजमगढ़. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी आज इस दुनियां में रही रहे। उन्होंने शाम पांच बजकर पांच मिनट पर एम्स में अंतिम सांस ली। गुजरात दंगे के बाद अटल जी ने उस समय के मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राजधर्म और राष्ट्रधर्म का पाठ पढ़ाया था जो काफी चर्चा में रहा। आज भी विपक्ष जब पीएम मोदी पर हमला बोलता है तो उन्हें अटल जी के कहे वे शब्द याद दिलाता है लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि अटल जी प्रधानमंत्री बनने से पूर्व वर्ष 1987 में छात्र आंदोलन के दौरान राष्ट्रीय व सार्वजनिक संपत्तियों को क्षति पहुंचाने को लेकर काफी दुखी हुए थे और उन्होंने आजमगढ़ मंडल के कई नेताओं को राष्ट्रधर्म का पाठ पढ़ाया था और बड़े ही साफ लफ्जों में कहा था कि आंदोलन का मतलब यह नहीं होता कि आप राष्ट्रीय सम्पति को नुकसान पहुंचाए। लोगों के लिए परेशानी पैदा करे। आंदोलन अपनी बात को सत्ता तक शांति पूर्ण ढंग से पहुंचाने का एक माध्यम होता है।

बता दें कि गुजरात दंगे के बाद यह कहा जाता था कि अटल जी तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को पद से हटाना चाहते थे लेकिन पार्टी नेतृत्व ने उन्हें काफी समझाया तो उन्होंने नरेंद्र मोदी को सीएम पद से तो नहीं हटाया लेकिन सार्वजनिक रूप से उन्हें राष्ट्रधर्म का पाठ पढ़ाया था। प्रधानमंत्री रहते हुए गुजरात दंगे पर की गयी अटल जी की टिप्पणी आज भी विपक्षी दल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ हथियार की तरह इस्तेमाल करते हैं। आज जब वे हमारे बीच नहीं रहे तो एक बार उनकी कहीं बाते फिर लोगों को याद आ रही है।

नरेन्द्र मोदी और रमाकांत मिश्रा (फाइल फोटो) IMAGE CREDIT:

बीजेपी के क्षेत्रीय संयोजक गोरखपुर क्षेत्र रमाकांत मिश्र गुरूवार को अटल जी की कही बातें कहकर भाउक हो उठे। उन्होंने बताया कि वर्ष 1987 में वे शिब्ली कालेज के छात्रसंघ अध्यक्ष थे। उस समय देश में देश में कांग्रेस की सरकार थी। बीएचयू में छात्रों पर पुलिस द्वारा किये गए लाठी चार्ज के बाद पूरे पूर्वांचल में छात्र आंदोलन शुरू हो गया था। उस समय आजमगढ़ जिले के तहबरपुर थाने में छात्रों द्वारा आगजनी की गयी थी।

कुछ दिन बाद ही अटल जी लखनऊ आये थे। गृहमंत्री राजनाथ सिंह उन्हें अटल जी से मिलाने के लिए लखनऊ बुलाया। इसके बाद वे राजनाथ सिंह के साथ मीराबाई गेस्टहाउस पहुंचे जहां अटल जी ठहरे हुए थे। अटल जी उन्हें काफी स्नेह दिया। जब उन्हें पता चला कि वे शिब्ली कालेज के छात्रसंघ अध्यक्ष है और छात्र आंदोलन में शामिल रहे। तो उन्होंने पूछा कि तुम लोगों ने तहबरपुर थाना क्यों फूंका। जब उनसे आंदोलन के बारे में बताया और कहा कि छात्रों में गुस्सा था हो गया तो उन्होंने कहा आंदोलन अपनी बात सत्ता तक पहुंचाने और सही बात को मनवाने के लिए किया जाता है।

किसी को भी आंदोलन के नाम पर अथवा सार्वजनिक जीवन में दूसरों को तकलीफ पहुंचाने अथवा सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का अधिकार नहीं है। यह अपराध है। अगर बड़ा बनना है, समाज के लिए कुछ करना है हमें राष्ट्रधर्म का हमेशा पालन करना होगा। अटल जी की वो बात आज भी उन्हें याद है। उन्होंने इस घटना के बाद से हमेशा उनकी नसीहत को याद रखा। चाहे व राजनीतिक जीवन हो अथवा सामाजिक।