भगवान श्रीराम का चरित्र लोगों के लिए प्रेरणा का श्रोत है। तुलसीदास से लेकर तमाम लोगों ने भगवान श्रीराम के जीवन मूल्यों को अपनी लेखनी के माध्यम से समेटने की कोशिश की है। कई भाषाओं में रामयण की रचना की गयी है लेकिन फाइन आर्ट का प्रयास बिल्कुल अलग है। फाइन आर्ट सेंटर की निदेशिका डा. लीना मिश्रा और सहयोगी कलाकारों नेे उन्हें चित्रों के माध्यम से समेटने की कोशिश की है। 50 से अधिक लोगों ने मिलकर 130 फीट लंबे कैनवास पर पूरी रामायण को उकेर दिया है और वह भी लोक शैली के चित्रों से। इस कैनवास पर 54 छोटे-छोटे चित्र प्रसंगों के जरिए राम जन्म से लेकर उनके जल समाधि तक का पूरा वृतांत वर्णित है जो लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
डा. लीना मिश्रा का कहना है कि वर्ल्ड रिकार्ड ऑफ इंडिया की ओर से 100 फीट का कैनवास तैयार करने का लक्ष्य दिया था मगर हमने रामायण को 130 फीट लंबे कैनवास पर उकेरा है। सबसे बड़ी बात यह है कि हमने इसमें लोक शैली का इस्तेमाल किया है। दो साल से कोरोना के कारण हम इसका प्रदर्शन नहीं कर पा रहे थे। अब इसे वर्ल्ड रिकार्ड ऑफ इंडिया को भेजा गया है। जल्द ही इसकी प्रदर्शन किया जाएगा ताकि लोगों तक यह पहंुुच सके। उन्होंने बताया कि कलाकारों ने इसे तैयार करने में कड़ी मेहनत की है। यह अपने तरह का अलग प्रयास है।