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Azamgarh News: अजित राय हत्याकांड में 6 आरोपियों को आजीवन कारावास, वंदे मातरम गाने को लेकर की गई थी हत्या

शिब्ली कॉलेज छात्र नेता अजीत राय हत्याकांड में मंगलवार को अदालत ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए सभी छह आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई।

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Azamgarh news, Pic- patrika

Azamgarh News: आजमगढ़ जिले के चर्चित शिब्ली कॉलेज छात्र नेता अजीत राय हत्याकांड में मंगलवार को अदालत ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए सभी छह आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। अपर सत्र न्यायाधीश अजय कुमार शाही ने इस मामले में दोषी करार दिए गए आरोपियों को आजीवन कारावास के साथ-साथ प्रत्येक पर 45,000 रुपये का अर्थदंड भी लगाया। अदालत ने मृतक अजीत राय के परिजनों को अर्थदंड की आधी राशि प्रदान करने का आदेश दिया है।

2004 में दिनदहाड़े हुई थी हत्या

प्राप्त जानकारी के अनुसार, अजीत राय निजामाबाद थाना क्षेत्र के टुंडवल गांव के निवासी थे और शिब्ली नेशनल पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज में बीएससी थर्ड ईयर के छात्र थे। वर्ष 2004 में छात्रसंघ चुनाव में महामंत्री पद के प्रत्याशी थे। इसी चुनावी रंजिश के चलते 9 सितंबर 2004 को सुबह करीब 11 बजे शिब्ली इंटर कॉलेज के गेट के सामने उनकी दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी।

पुलिस और प्रत्यक्षदर्शियों की रिपोर्ट के अनुसार, मोहम्मद दानिश, शाह समर यासीन, मोहम्मद शारिक, मोहम्मद सादिक, इरफान, सादिक खान उर्फ रशीद तथा रिंकू जकारिया ने मिलकर अजीत राय पर लाठी-डंडों से हमला किया। रिंकू जकारिया के उकसाने पर मोहम्मद दानिश ने कट्टे से गोली चलाकर अजीत को घायल कर दिया। गंभीर अवस्था में अजीत को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। इसके बाद सभी आरोपी घटनास्थल से कार से फरार हो गए।

घटना के समय अजीत के चाचा देवेंद्र राय ने तत्काल शहर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उन्होंने मामले में शिब्ली इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल मोहम्मद इफ्तखार खान और फिजिक्स डिपार्टमेंट के हेड मोहम्मद जकारिया को भी साजिश में शामिल बताया था। पुलिस ने जांच के बाद आठ आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की थी।

लम्बी सुनवाई के बाद आया फैसला

अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 16 गवाहों की गवाही दर्ज कराई गई थी। लंबी सुनवाई और जांच के बाद अदालत ने सभी आरोपियों को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा दी। साथ ही प्रत्येक पर 45,000 रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया। अदालत ने आदेश दिया कि अर्थदंड की आधी राशि मृतक अजीत राय के परिजनों को दी जाएगी।

यह मामला करीब 21 वर्षों के लंबित संघर्ष के बाद न्यायालय में निर्णायक अंजाम पर पहुँचा।