
Azamgarh news,Pic- Patrika
Azamgarh Education: आज़मगढ़ बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) राजीव पाठक द्वारा पांच शिक्षकों को स्कूल में प्रवेश से रोकने का मामला अब हाईकोर्ट तक जा पहुंचा है। प्रभावित शिक्षकों ने न्यायालय की शरण ली, जिसके बाद कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए बेसिक शिक्षा निदेशक को पूरे प्रकरण में हस्तक्षेप का आदेश दिया।
निदेशक ने बीएसए से लिखित जवाब तलब किया है और साफ चेतावनी दी है कि यदि तय समय सीमा में संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं दिया गया तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई होगी।
दरअसल, श्रीमती परमा देवी जायसवाल बालिका जूनियर हाईस्कूल, सरदहां बाजार में पांच सहायक अध्यापिकाओं की नियुक्ति में गड़बड़ी का मामला सामने आया था। जांच में पाया गया कि नियुक्ति प्रक्रिया में उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त बेसिक स्कूल अध्यापक भर्ती व सेवा नियमावली 1975 का पालन नहीं किया गया।
रिपोर्ट के अनुसार, बैक डेटिंग कर पांच शिक्षिकाओं की नियुक्ति दिखाई गई और उन्हें वेतन भुगतान भी किया गया। पूरा मामला कूटरचित व फर्जी करार दिया गया। इस आधार पर संबंधित शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई थी।
बीएसए राजीव पाठक ने कार्रवाई करते हुए शिक्षकों को स्कूल जाने से रोक दिया था। लेकिन शिक्षकों ने हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया। कोर्ट ने मामले में गंभीरता दिखाते हुए निदेशक को बीएसए पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
बीएसए राजीव पाठक का कहना है कि शिक्षकों की नियुक्ति में अनियमितताएं मिली थीं। उसी आधार पर एफआईआर दर्ज कराई गई और उन्हें स्कूल जाने से रोक दिया गया था। कोर्ट ने इस पर जवाब मांगा है, जो नियमानुसार दिया जाएगा।
Published on:
31 Aug 2025 10:24 pm
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