
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
आजमगढ़. भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह गृहमंत्री की कुर्सी संभालने के बाद पहली बार 13 नवंबर को आजमगढ़ राज्य विश्वविद्यालय की नींव रखने पहुंच रहे हैं। वे विश्वविद्यालय शिलान्यास के बाद जनसभा को संबोधित कर वर्ष 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव का शंखनाद करेंगे। हमेंशा से भाजपा की कमजोर कड़ी रहे इस जिले में अमित शाह का दौरा महत्वपूर्ण माना जा रहा है। रैली में एक लाख से अधिक लोगों के पहुंचने की संभावना है।
बता दें कि जिले के लोग विश्वविद्यालय की मांग लंबे समय से कर रहे है। इसके लिए कई आंदोलन भी चलाए गए। सत्ता में आने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विश्वविद्यालय निर्माण के लिए विज्ञापन भी जारी किये थे लेकिन बजट में विश्वविद्यालय बलिया को दे दिया गया था। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले विश्वविद्यालय के लिए आंदोलन तेज हुआ तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आजमगढ़ में विश्वविद्यालय निर्माण की घोषणा की थी। अब वह मूर्तरुप लेने जा रही है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज विश्वविद्यालय की नींव रखकर यहां के लोगों के सपने को साकार करेंगे। 58.27 एकड़ भूमि और साढ़े पांच सौ करोड़ लागत से आजमबांध में बनने वाला यह विश्वविद्यालय जिले के विकास में मील का पत्थर साबित होगा ऐसा माना जा रहा है। वहीं पार्टी को विश्वास है कि इसके जरिये वह युवाओं के दिल में उतरने में सफल होगी और 2022 के चुनाव में यहां लगातार हार के सिलसिले को तोड़ पाएगी।
भाजपा ने भी इस कार्यक्रम की सफलता को पूरी ताकत झोंक दी है। कारण कि सपा के किले में सेंध लगाने का इससे अच्छा दूसरा मौका पार्टी के लिए हो ही नहीं सकता है। रैली में पहुंचने वाले लाखों लोगों को शाह जितना मथेंगे, विधानसभा चुनाव में उतनी ही सीट संजीवनी के रूप में मिलेंगी ऐसा पार्टी का मानना है। कारण कि अब तक बीजेपी किसी भी चुनाव में यहां करिश्मा नहीं कर पाई है। वर्ष 2017 में जब बीजेपी यूपी में 325 सीट जीत प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आई तब भी पार्टी को आजमगढ़ में मात्र एक सीट पर संतोष करना पड़ा था। अमित शाह के कार्यक्रम से विपक्ष में बेचैनी साफ दिख रही है।
Published on:
13 Nov 2021 09:48 am
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