
जमीन पर बैठा मरीज खुद ले रहा था ऑक्सीजन | Image Source - Social Media
Akhilesh Yadav taunts government in Azamgarh: उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले से एक शर्मनाक वीडियो सामने आया है, जो राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था की सच्चाई बयां करता है। यह वीडियो जिला मंडलीय चिकित्सालय (सदर अस्पताल) का है, जिसमें एक गंभीर रूप से बीमार मरीज खुद जमीन पर बैठकर ऑक्सीजन लेता हुआ नजर आ रहा है। अस्पताल की इस लापरवाही को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' (पूर्व में ट्विटर) पर वीडियो साझा करते हुए सरकार पर सीधा हमला बोला है।
वायरल हो रहा यह वीडियो आजमगढ़ के सदर अस्पताल का है, जिसमें एक टीबी का मरीज ऑक्सीजन मास्क लगाए जमीन पर बैठा दिख रहा है। अस्पताल की लचर व्यवस्था के कारण वह बेड पर नहीं बल्कि जमीन पर बैठकर अपनी सांसों की डोर थामे हुए है। मरीज का नाम राजू बताया जा रहा है, जो आजमगढ़ के तरवां क्षेत्र का निवासी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राजू को 17 जुलाई को टीबी और चेस्ट इन्फेक्शन की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालत बिगड़ने पर उसे ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया। मगर बेड की अव्यवस्था और देखरेख की कमी के चलते वह खुद मशीन तक पहुंचा और जमीन पर बैठकर ऑक्सीजन लेने लगा।
इस वीडियो को शेयर करते हुए अखिलेश यादव ने तीखा तंज कसा और पूछा, "स्वास्थ्य मंत्री जी को ये मरीज दिख रहा है क्या?" उन्होंने इसे प्रदेश की "महाभ्रष्ट स्वास्थ्य व्यवस्था" का परिणाम बताया और योगी सरकार से जवाब मांगा।
इस मामले के तूल पकड़ने के बाद जिला अस्पताल प्रशासन हरकत में आया।
एसआईसी (सीनियर इन्टेंडेंट ऑफ क्लिनिक) डॉ. ओम प्रकाश सिंह ने सफाई देते हुए कहा कि मरीज को चेस्ट इन्फेक्शन है और उसे समय पर इलाज दिया गया था। लेकिन उसी दौरान उसने बिस्तर पर ही टॉयलेट कर दिया, जिसके बाद वह नीचे उतरकर अपनी पत्नी का इंतजार करने लगा। इस दौरान किसी ने वीडियो बना लिया।
डॉ. सिंह ने कहा कि किसी मरीज की इस तरह की वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल करना गोपनीयता का उल्लंघन है। "यह मरीज की निजता से जुड़ा मामला है। इस तरह वीडियो बनाना नैतिक और कानूनी रूप से गलत है।"
वीडियो वायरल होते ही स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई है। सिस्टम इंचार्ज को नोटिस जारी कर रिपोर्ट मांगी गई है। साथ ही यह भी सवाल उठाया गया है कि आखिर कोई आम व्यक्ति वार्ड में पहुंचकर वीडियो कैसे बना सकता है? इस पर सुरक्षा और निगरानी तंत्र की भी पोल खुल गई है।
फिलहाल मरीज को टीबी वार्ड के दूसरे बेड में शिफ्ट कर दिया गया है और देखभाल के लिए दो डॉक्टर नियुक्त किए गए हैं। अगर मरीज को पर्याप्त सुविधा नहीं मिली, तो उसे बाहरी मेडिकल सेंटर में रेफर किया जाएगा।
Updated on:
19 Jul 2025 05:56 pm
Published on:
19 Jul 2025 05:39 pm
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