
प्रतीकात्मक फोटो
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
आजमगढ. गोरखपुर जिले में पिछले दिनों हुई एनआरआई के साथ लूट के मामले में लापरवाही बरतने और धन उगाही के आरोप लगने पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डा. गौरव ग्रोवर ने सहजनवां थानेदार मानवेंद्र पाठक को निलंबित कर दिया है। आरोपो की जांच के लिए सीओ कैंपियरगंज को जांच अधिकारी नामित किया गया है। वहीं सहजनवां के पूर्व थानाध्यक्ष को थाने का प्रभार सौंपा गया है।
बता दें कि 27 सितंबर को बैंकाक से घर लौट रहे एनआरआई बड़हलगंज थाना क्षेत्र के भरवटिया निवासी सर्वेश यादव को सहजनवां थाना क्षेत्र से अगवा कर कार सवार युवकों ने 12 हजार अमेरिकी डालर, 16 हजार नकद तथा 75 ग्राम सोने का चेन लूट ली थी। सर्वेश ने रामगढ़ताल थाना क्षेत्र के तारामंडल निवासी प्रांशुधर दुबे, प्रशांतधर दुबे पुत्रगण नीलकंठ दुबे तथा पवन त्रिपाठी निवासी मलांव थाना बेलीपार के खिलाफ अपहरण व लूट करने का मुकदमा दर्ज कराया था।
पुलिस ने रात में ही तीनों आरोपियों को पकड़ लिया और अगले दिन विदेशी मुद्रा और नकद का लेनदेन बता दिया लेकिन छह दिन बाद सिर्फ दो आरोपियों को जेल भेजा गया। इसके बाद ही थानेदार पर धन उगाही करने तथा मामले में लीपापोती करने का आरोप लगाया था। मामला संज्ञान में आने पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डा. गौरव ग्रोवर ने थानाध्यक्ष को कार्यालय में तलब किया था लेकिन मानवेंद्र पाठक के जवाब से एसएसपी संतुष्ट नहीं हुए। इसके बाद उन्होंने लापरवाही बरतने के आरोप में सहजनवां थानाध्यक्ष मानवेंद्र पाठक को निलंबित कर दिया। इस मामले की जांच सीओ को सौंपी गई है। वहीं पूर्व थानाध्यक्ष अंजुल कुमार चतुर्वेदी को एक बार फिर थाने का चार्ज सौंपा गया है। उन पर परिसर में ही दारोगा से मारपीट का आरोप लगा था। इसके बाद एसएसपी ने अंजुल और दारोगा को निलंबित कर दिया था। इसके बाद एक जुलाई को मानवेंद्र पाठक को सहजनवां थाने का प्रभारी बनाया था। अब एक बार फिर अंजुल को जिम्मेदारी सौंप दी गई है।
Published on:
13 Oct 2022 11:09 am
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