
यूपी निकाय चुनाव-2022 की घोषणा कभी भी हो सकती है। चुनाव में सपा, बसपा और भाजपा के बीच सीधे मुकाबले की उम्मीद है। हाल ही में अखिलेश यादव के भाई धर्मेंद्र को दिनेश लाल यादव निरहुआ से हार का समाना करना पड़ा था। निकाय चुनाव में भी निरहुआ बड़ा दाव खेलने की तैयारी में हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या अखिलेश यादव को फिर निरहुआ की चुनौती का सामना करना पड़ेगा।
अखिलेश के पहली बार निरहुआ ने दी थी चोट
समाजवादी पार्टी का हमेशा से आजमगढ़ में वर्चस्व रहा है। अखिलेश यादव के परिवार को कोई भी सदस्य आजमगढ़ से मैदान में उतरा तो उसे जीत मिली। साल 2022 के लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी ने दिनेश लाल यादव निरहुआ के मैदान में उतारा था। सपा से अखिलेश यादव के भाई धर्मेद्र यादव मैदान में थे। निरहुआ ने धर्मेंद्र को दस हजार मतों के अंतर से पराजित किया। सपा को लोकसभा की पांच में से चार विधानसभा में हार मिली।
अखिलेश के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी सीट
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में आजमगढ़ संसदीय सीट से अखिलेश यादव सांसद चुने गए थे। उन्होंने 2,50,000 से अधिक वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में करहल से विधायक बनने के बाद अखिलेश से आजमगढ़ संसदीय सीट से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद यहां उपचुनाव कराया गया था।
वर्ष 2014 में मुलामय चुने गए थे सांसद
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में आजमगढ़ सीट से पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव सांसद चुने गए थे। मुलायम सिंह यादव ने बीजेपी के रमाकांत यादव को 63,000 मतों से पराजित किया था। वहीं 2022 विधानसभा चुनाव में सपा को जिले की सभी दस सीटों पर जीत मिली थी। ऐसे में धर्मेंद्र का हारना सपा के लिए बड़ा नुकसान माना जा रहा है।
निकाय चुनाव में निरहुआ अपने प्रतिनिधि को बनवा सकते हैं प्रत्याशी
लोकसभा चुनाव में जीत के बाद निरहुआ ने आजमगढ़ निवासी संतोष श्रीवास्तव को अपना प्रतिनिधि चुना है। बीजेपी से निकाय चुनाव में दर्जन भर नेता टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। सांसद दिनेश लाल यादव निरहआ के प्रतिनिधि संतोष श्रीवास्तव भी उन्हीं में से एक हैं। निरहुआ भी उनके साथ खड़े दिख रहे हैं। इसी वजह से उनकी दावेदारी मजबूत मानी जा रही है। संतोष के मैदान में आने पर सपा के लिए चुनावी चुनौती बढ़नी तय है।
संतोष मैदान में उतरे तो इसलिए बढ़ेगी सपा की मुश्किल
संतोष श्रीवास्तव भी भोजपुरी फिल्म में काम कर चुके हैं। निरहुआ ने अपने चुनाव में आम्रपाली से लेकर, मनोज तिवारी, रवि किशन, पवन सिंह, अक्षरा सिंह सहित दो दर्जन से अधिक फिल्म स्टारों को प्रचार में उतार दिया था। इन भोजपुरी सितारों ने सपा के वोट बैंक में खुलकर सेंध लगाई थी। संतोष के साथ भी यह फिल्म स्टार प्रचार में उतर सकते हैं। इसकी वे तैयारी भी कर रहे हैं। फिर सपा को इसका विकल्प ढ़ूंढ़ना होगा जो वे लोकसभा उपचुनाव में नहीं ढ़ूंढ़ पाए थे।
हर हाल में खाता खोलना चाहेगी सपा
आजमगढ़ नगरपालिका सीट पर अब तक सपा का खाता नहीं खुला है। 2024 में लोकसभा चुनाव है। ऐसे में सपा हर हाल में आजमगढ़ सीट जीतना चाहेगी। ताकि वो उपचुनाव में हार से कार्यकर्ताओं के टूटे मनोबल को ऊंचा कर सके। साथ ही ये भी साबित कर पाए कि आजमगढ़ आज भी सपा का गढ़ है।
Updated on:
02 Dec 2022 07:54 am
Published on:
02 Dec 2022 07:48 am
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