
मिसाल: इन लड़कियों को देखकर रास्ता बदल लेते हैं मनचले- देखें वीडियो
बागपत। जनपद में लड़कियों की एक ऐसी टोली है, जो नारी सशक्तिकरण की मिसाल बन गई है। महिलाओं के लिए आदर्श बनी ये लड़कियां जब सड़कों पर निकलती हैं तो मनचले भी रास्ता छोड़ देते हैं। ताइक्वांडो सीख चुकी इन लड़कियों को रोक पाना किसी के बस की बात नहीं रह गई है। चारदीवारी से बाहर निकली इन लड़कियों में जब अपने दम पर कुछ करने का जज्बा पैदा हुआ इन्होंने अपने लिए खुद ही रास्ता बना लिया। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड, सिल्वर और कांस्य पदक जीतकर इन इन बेटियों ने परिजनों का नाम रोशन किया है। नारी सशक्तिकरण का उदाहरण बन चुकी इन बेटियों को बागपत आज सम्मान से देखता है।
छह से अधिक छात्राएं हैं टीम में
ये लड़कियां छपरौली क्षेत्र में स्थित होश्यारी देवी गर्ल्स इंटर काॅलेज रठौड़ा की हैं। छह से अधिक छात्राओं की फाइटर्स टीम को बने दो साल हो चुके हैं। इतने कम समय में इन्होंने जो कर दिखाया, उसे देखकर लगता है कि भविष्य में वे नए कीर्तिमान स्थापित करेंगी। ताइक्वांडो टीम की सदस्य अक्षिता, शिवानी, वर्णिका, हंसिका, साइमा आदि बताती हैं कि वे अपने गांव, जनपद, राज्य और देश के लिए खेल रही हैं। इसके चलते उनका करियर भी बन रहा है। वे सभी ताइक्वांडो से जुड़ी हैं। लिहाजा घर से बाहर जाने में भी कोई परेशानी नहीं होती। उन्होंने यह खेल केवल आत्मरक्षा के लिए सीखा था। उनका कहना है कि उन्हें यह प्रेरणा अपनी प्रिंसिपल से मिली थी।
छात्राओं की उपलब्धियां
सूप गांव की कक्षा 12 की छात्रा अक्षिता तोमर, तुगाना गांव की कक्षा 11 की छात्रा वर्णिका चैहान, हलालपुर गांव की कक्षा नौ की छात्रा शिवानी खोखर के अलावा हंसिका और साइमा ने आगरा, चंदौली, वाराणसी, लखनऊ, दिल्ली और चेन्नई में आयोजित विभिन्न ताइक्वांडो प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन किया है। उन्होंने प्रदेश व राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में विभिन्न पदक जीते हैं। अक्षिता, शिवानी और वर्णिका ने दिल्ली में आयोजित अंतरराष्ट्रीय ताइक्वांडो ओपन प्रतियोगिताओं में गोल्ड मेडल जीता था। अक्षिता ने तो हाल ही में चेन्नई के जेएन इंडौर स्टेडियम में हुई प्रतियोगिता में रजत पदक भी जीता था। यह टूर्नामेंट ताइक्वांडो फेडरेशन ऑफ इंडिया ने कराया था।
महिला सशक्तिकरण के सपने ने कर दिया कमल
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक छोटे से प्रयास ने बच्चियों का करियर बनाने में मदद की। काॅलेज की प्रधानाचार्य राजेश रुहेला छात्राओं की उपलब्धियों से खासी उत्साहित हैं। वह कहती है कि दो साल पहले काॅलेज में ताइक्वांडो खेल की शुरुआत करते हुए टीम बनाई गई थी। दो साल का समय बहुत थोड़ा होता है लेकिन टीम में शामिल छात्राओं ने सकारात्मक परिणाम देने शुरू कर दिए हैं। छात्राओं के प्रशिक्षण के लिए कोच की व्यवस्था की गई है। उन्हें पूरी उम्मीद है कि ताइक्वांडो की टीम आने वाले समय में और भी बेहतर रिजल्ट देगी। स्कूल की ओर से छात्राओं को सभी सुविधा देने का प्रयास किया जाता है।
Published on:
18 Dec 2018 12:42 pm
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