
पत्रिका अभियान: योगीराज में 5 लाख लोगों के जीवन पर छाए संकट के बादल
बागपत. पिछले एक दशक से जल प्रदूषण की समस्या से जूझ रहे बागपत जिले में पीने के पानी को लेकर स्थिति भयावह होती जा रही है। भूगर्भजल में घातक केमिकल घुल रहे हैं, हैंडपंप जवाब दे चुके हैं। हैंडपंपों का पानी पीने योग्य नहीं रह गया है। एनजीटी के आदेश पर जल निगम ने 500 से ज्यादा हैंडपंप उखाड़कर पीने के पानी के स्त्रोत को ही बंद कर दिया, लेकिन अभी तक कोई अन्य व्यवस्था नहीं हो सकी है। वहीं चौगामा क्षेत्र के बाद अब बागपत और खेकड़ा तहसील में पीने के पानी की स्थिति खतरनाक होने वाली है। 100 ये ज्यादा फैक्ट्रियों ने इन क्षेत्र में आकर पानी को दूषित करना शुरू कर दिया है।
कहते हैं कि अगली वर्ल्डवार मीठे पानी के लिए होने वाली है। दुनिया में पीने योग्य पानी बहुत ही कम मात्रा में बचा है। अगर समय रहते पानी को बर्बाद होने से नहीं बचाया गया तो लोग पीने के पानी के लिए तरस जाएंगे। इसकी वजह खुद मानव जाति को ठहराया जाएगा। जिला अस्पताल में तैनात डाॅ. नीरज त्यागी की मानें तो पीने योग्य पानी बहुत ही कम जगह रह गया है। भूभर्ग जल का पानी भी दूषित हो रहा है। समय-समय पर लोगों को जागरूक किया जा रहा है, लेकिन जागरुकता के साथ अगर दंडनात्मक कदम नहीं उठाए गए तो पीने योग्य पानी नहीं बचेगा।
बता दें कि बागपत में दूषित पानी को लेकर लड़ाई पिछले एक दशक से चल रही है। दोआबा समिति के चेयरमैन चंद्रवीर तोमर एनजीटी में इसकी लड़ाई लड़ रहे हैं। जिस पर एनजीटी कई बार निर्णायक फैसले भी ली चुकी है, लेकिन जिला प्रशासन की लापरवाही से यहां पर कोई ठोस कदम नहीं उठाये गए है। चौगामा क्षेत्र में 55 गांव दूषित पानी से घातक बीमारियों का शिकार हो चुके हैं और अब बागपत सहित खेकड़ा तहसील क्षेत्र में 100 से ज्यादा कपड़ा रंगाई की फैक्ट्रियों ने यहां खतरे की घंटी बजा दी है। कपड़े रंगाई में इस्तेमाल होने वाला घातक केमिकल पानी के साथ हमारे भूगर्भजल को प्रभावित कर रहा है, लेकिन प्रदूषण विभाग इन फैक्ट्रियों को अभी तक बंद तक नहीं करा पाया है। जबकि जनपद में चल रही इन रंगाई की फैक्ट्रियों के पास न तो जरूरी दस्तावेज हैं और न ही ये मानकों को पूरा कर रही हैं। बावजूद इसके इन फैक्ट्रियों का संचालन होने से 5 लाख लोगोें की जिंदगी से खिलवाड़ हो रहा है। हालांकि एसडीएम खेकड़ा द्वारा जरूर ऐसी फैक्ट्रियों को चिन्हित करने का काम किया जा रहा है और प्रदूषण विभाग को जांच करने के लिए कहा गया है। एसडीएम पुल्कित गर्ग की मानें तो फैक्ट्रियों से निकलने वाला पानी जहरीला है। इससे भूगर्भजल दूषित हो सकता है, जो लोगों को घातक बीमारियां दे सकता है।
Published on:
14 Dec 2018 11:30 am
बड़ी खबरें
View Allबागपत
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
