
बजट के बाद पीएम मोदी से इसलिए नाराज हो गए लाखों किसान, लोकसभा चुनाव में हो सकता है नुकसान, देखें वीडियो
बागपत। मोदी सरकार ने भले ही किसानों को सालाना छह हजार रूपये देकर किसानों को खुश करने का फामूर्ला दियों हो लेकिन किसान इससे नाराज नजर आ रहे हैं। किसानों ने मोदी सरकार को नकारा बताते हुए कई सवाल उनके वादों पर खड़े कर दिये हैं।
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बागपत जिले के मवीकला गांव के किसान संजय का कहना है कि बजट से कुछ नहीं होता है। किसानों के हित में सरकार नहीं है। गन्ने के भुगतान नहीं हो रहा है, बिजली के बिल चार गुना है। गैस सलेंडर लेने के लिए पैन कार्ड और आधार कार्ड अनिवार्य है, जो किसानों के पास नहीं है। डाई खाद मेंहगे हैं उन पर छुट दी जानी चाहिए। साल में छह हजार रूपये देने से किसानों का भला होने वाला नहीं है। बैंक की सब्सिीडी 950 रूपये की हुई है। खातों में किसी के पैसे आते है किसी के नहीं, सुनवाई कोई करता नहीं है।
किसान वेदप्रकाश कहते हैं कि इस सरकार से हमें उम्मीद नहीं है योगी सरकार गन्ने का भुगतान नहीं दे रही बिजली बिल इतने बढा दिये जो किसान दे नहीं पा रहा है। सरकार तीन मुद्वों पर आयी थी, जनसंख्या वृद्धि पर रोक, कश्मीर में धारा 370 और राम मंदिर तीनों में से इस सरकार ने कोई वादा पूरा नहीं किया है। पहले हमने मोदी को वोट किया था इस बार हम इस सरकार को कोई वोट नहीं करेंगे।
वहीं किसान विनोद कुमार का कहना है कि बजट पेश हो जाते हैं लेकिन जब तक शिक्षा ठीक नहीं होगी तब तक हम सुख सुविधाओं का लाभ नहीं ले सकते है। वोट बैक का हिसाब नहीं होना चाहिए देश की तरक्की करनी है तो सरकारी स्कूलों पर ध्यान दिया जाये और एक से आठ तक पढाई को बेहतर बनाया जाये, वोट बैंक की राजनीति ने देश का बेडागर्क कर दिया है।
Published on:
02 Feb 2019 02:34 pm
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