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दिवाली पर बड़ी गड़बड़ी की आशंका, इन अतिसंवेदनशील जिलों में पीएसी की अतिरिक्त कंपनियां तैनात उल्लेखनीय है कि बड़ौत के गांव बावली में 9 नवंबर की शाम शिवम की गोली मारकर हत्या की गई थी। मृतक के भाई बिट्टू ने बादल उर्फ कारतूस, मोनित उर्फ छोटू, अभिषेक और एक अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कराया था।पुलिस आरोपियों की धरपकड़ के प्रयास में जुटी ही थी कि बुधवार को शिवम हत्याकांड के मुख्य आरोपी मोनित ने परिजनों के साथ कोतवाली पहुंचकर सीओ आलोक सिंह के सामने सरेंडर कर दिया। कोतवाली पहुंचते ही आरोपी ने कहा कि उसका नाम मोनित है, जिसकी पुलिस तलाश कर रही है। हत्यारोपी को अचानक सामने देख पुलिस अलर्ट हो गई। एक सिपाही ने मोनित को पकड़ लिया और कोतवाली प्रभारी अजय शर्मा के पास लेकर पहुंचा। इस दौरान हत्यारोपी ने खुद गाड़ी से तमंचा निकालकर पुलिस को सौंप दिया। आरोपी ने कहा कि उसे पुलिस से एनकाउंटर का डर था। इसलिए वह खुद ही सरेंडर कर रहा है।
2 महीने में 40 से अधिक एनकाउंटर बता दें कि पिछले दो महीने में बागपत पुलिस 40 से ज्यादा एनकाउंटर कर चुकी है। पुलिस मुठभेड़ में बड़े-बड़े बदमाशों को गोली मारकर सलाखों के पीछे पहुंचा चुकी है। यही वजह है कि पुलिस की गोली से बचने के लिए शिवम हत्याकांड के मुख्य आरोपी मोनित ने परिवार के साथ कोतवाली पहुंचकर सरेंडर कर दिया है। आरोपी ने अपना जुर्म भी सीओ के सामने कबूल कर लिया है।
गाड़ी के संबंध में होगी जांच हत्यारोपी मोनित ने खुद ही गाड़ी से तमंचा निकालकर पुलिस को सौंपा है। सीओ आलोक कुमार का कहना है कि आरोपी ने एनकाउंटर के डर से कोतवाली में सरेंडर किया है। वह किसकी गाड़ी में आया बैठकर आया, इसकी जांच की जाएगी।